The Udan Pankh scheme failed to take off in the district. The drone training program, which was launched with the aim of providing employment to youth, has been put on hold
Udan Pankh scheme
नरसिंहपुर. युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और तकनीकी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई पंख योजना जिले में उड़ान नहीं भर सकी है। जिले में योजना से दो वर्षो में कुछ ही युवाओं को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण मिल सका है। जिनकी भी गतिविधियां नजर नहीं आ रहीं हैं।
प्रदेश शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत युवाओं को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण दिया जाना था, ताकि वे आधुनिक कृषि, सर्वे और तकनीकी सेवाओं में रोजगार पा सकें। लेकिन हकीकत यह है कि इस योजना की न तो प्रभावी मॉनिटरिंग हो रही है, न ही प्रशिक्षित युवाओं की कोई गतिविधि नजर आ रही है। ड्रोन तकनीक के जरिए युवाओं को खेती-किसानी में दवा और खाद के छिडक़ाव, कृषि सर्वेक्षण, विवाह या अन्य समारोहों में ड्रोन फ ोटोग्राफ ी जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर मिल सकते हैं। इसके बावजूद जिले में प्रशिक्षित ड्रोन संचालक फ ील्ड पर सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं। जिससे योजना का वास्तविक लाभ ग्रामीण अंचलों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
योजना की मंशा पर उठ रहे सवाल
सूत्रों के मुताबिक, योजना के तहत जिले से चयनित युवाओं को प्रशिक्षण केंद्रों पर भेजा गया था, लेकिन प्रशिक्षण पूरा होने के बाद भी रोजगार या व्यावहारिक उपयोग की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। स्थानीय स्तर पर अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर तकनीकी रोजगार की दिशा में बड़ी संभावनाओं वाली यह योजना सिमटकर केवल कागज़ों तक ही क्यों रह गई। इस योजना के क्रियांवयन की स्थिति को लेकर पत्रिका द्वारा इफको के जिला समन्वयक अजयप्रताप से संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन उन्होने फोन रिसीव नहीं किया। इधर सूत्रों की मानें तो योजना के तहत जिले से कुछ युवाओं का प्रशिक्षण के लिए चयन जरूर किया गया था, जिन्हें प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। लेकिन यह संख्या कितनी है इसे लेकर कोई जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है।
नरसिंहपुर. युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और तकनीकी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई पंख योजना जिले में उड़ान नहीं भर सकी है। जिले में योजना से दो वर्षो में कुछ ही युवाओं को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण मिल सका है। जिनकी भी गतिविधियां नजर नहीं आ रहीं हैं।
प्रदेश शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत युवाओं को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण दिया जाना था, ताकि वे आधुनिक कृषि, सर्वे और तकनीकी सेवाओं में रोजगार पा सकें। लेकिन हकीकत यह है कि इस योजना की न तो प्रभावी मॉनिटरिंग हो रही है, न ही प्रशिक्षित युवाओं की कोई गतिविधि नजर आ रही है। ड्रोन तकनीक के जरिए युवाओं को खेती-किसानी में दवा और खाद के छिडक़ाव, कृषि सर्वेक्षण, विवाह या अन्य समारोहों में ड्रोन फ ोटोग्राफ ी जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर मिल सकते हैं। इसके बावजूद जिले में प्रशिक्षित ड्रोन संचालक फ ील्ड पर सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं। जिससे योजना का वास्तविक लाभ ग्रामीण अंचलों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
योजना की मंशा पर उठ रहे सवाल
सूत्रों के मुताबिक, योजना के तहत जिले से चयनित युवाओं को प्रशिक्षण केंद्रों पर भेजा गया था, लेकिन प्रशिक्षण पूरा होने के बाद भी रोजगार या व्यावहारिक उपयोग की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। स्थानीय स्तर पर अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर तकनीकी रोजगार की दिशा में बड़ी संभावनाओं वाली यह योजना सिमटकर केवल कागज़ों तक ही क्यों रह गई। इस योजना के क्रियांवयन की स्थिति को लेकर पत्रिका द्वारा इफको के जिला समन्वयक अजयप्रताप से संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन उन्होने फोन रिसीव नहीं किया। इधर सूत्रों की मानें तो योजना के तहत जिले से कुछ युवाओं का प्रशिक्षण के लिए चयन जरूर किया गया था, जिन्हें प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। लेकिन यह संख्या कितनी है इसे लेकर कोई जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है।