ब्रिटिश सरकार ने विदेशी छात्रों, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं, को वीजा अवधि समाप्त होने पर उससे अधिक समय तक ठहरने या शरण लेने से रोकने के लिए एक अभियान शुरू किया है, जिसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि विदेशी छात्रों तक संदेश पहुंच जाए और वे नियमों का उल्लंघन न […]
ब्रिटिश सरकार ने विदेशी छात्रों, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं, को वीजा अवधि समाप्त होने पर उससे अधिक समय तक ठहरने या शरण लेने से रोकने के लिए एक अभियान शुरू किया है, जिसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि विदेशी छात्रों तक संदेश पहुंच जाए और वे नियमों का उल्लंघन न करें। गृह सचिव यवेट कूपर ने संसद में बयान देते हुए कहा कि छात्र वीजा के दुरुपयोग और शरण प्रणाली में अव्यवस्था को ठीक करने के लिए व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं।
‘इमिग्रेशन वाइट पेपर’ में सामने आए निष्कर्षों के अनुसार, हर साल लगभग 15 हजार विदेशी छात्र वीजा खत्म होने पर शरण का दावा कर देते हैं, जबकि उनके देश की परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं होता। सरकार का मानना है कि यह प्रवृत्ति शरण व्यवस्था और आवास व्यवस्था बिगाड़ रही है। अब छात्रों को संदेश भेजकर स्पष्ट किया जा रहा है कि शरण केवल वास्तविक मजबूरी की स्थिति में ही दी जाएगी।
ब्रिटेन में वीजा शर्तों का उल्लंघन रोकने के लिए चलाए जा रहे इस अभियान के बीच सरकारी आंकड़े बताते हैं कि जून 2025 तक भारतीय छात्रों को 98,014 वीजा मिले, जो पिछले साल से 11 फीसदी कम हैं। भारतीय छात्रों के शरण के आवेदन को मंजूरी की दर केवल 1 प्रतिशत है, जबकि यह दर पाकिस्तान-अफगानिस्तान के लिए 53%, ईरान के लिए 64 % और बांग्लादेश के लिए 19% है।