समाचार

विदिशा के विधायक ने सीएम को लिखा पत्र, की मेडिकल कॉलेज में ही अस्पताल बनाए जाने की मांग

-नए मेडिकल कॉलेजों में अस्पताल न बनाए जाने के निर्णय का हो रहा विरोध -स्थानीय विधायक जयंत मलैया ने अभी तक नहीं की कोई पहल

2 min read
Sep 15, 2025



दमोह. सिंगरौली, छतरपुर जिले के बाद अब विदिशा जिले के विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मेडिकल कॉलेज में ही अस्पताल बनाए जाने की मांग की है। हालांकि अभी तक दमोह के स्थानीय विधायक जयंत मलैया की ओर से इस संबंध में शासन को पत्राचार नहीं किया गया है। बता दें कि शासन ने नए मेडिकल कॉलेज में अस्पताल सुविधा शुरू करने की मंजूरी नहीं दी है, लेकिन धीरे-धीरे इसका विरोध शुरू होने लगा है। आने वाले दिनों में आने वाली परेशानियों को भांपते हुए विरोध होने लगे हैं।
-अस्थाई संबद्धता के लिए भी मानक अनुरूप नहीं डीएच
जिला अस्पताल में ५० फीसदी विशेषज्ञों के पद खाली है। इसके अलावा नर्सिंग स्टाफ की काफी कमी बनी हुई है। १५० बेड बढ़ाने के लिए नई बिल्डिंग बनाई जाएगी। जब ५०० बेड के अस्पताल की कमी पूरी हो जाएगी तो इस हिसाब से डॉक्टर्स व स्टाफ की तैनाती होना जरूरी है। यदि स्टाफ की कमी पूरी नहीं होती है तो अस्थाई संबद्धता भी खटाई में पड़ सकती है।
-मेडिकल कॉलेज बना शहर में चर्चा का विषय
इधर, पत्रिका की खबर के बाद चाक चौबारों में चर्चा का बाजार गर्म है। लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि मेडिकल कॉलेज में अस्पताल शुरू नहीं होगा। खबरों के माध्यम से जानकारी मिलने पर लोग भी हैरान हैं। शहर के सिविल वार्ड निवासी साहिब खान के मुताबिक मेडिकल कॉलेज अलग ही होना चाहिए। बैंक चौराहे पर संचालित चाय की दुकान पर मिले अधिवक्ता केएल ताम्रकार ने बताया कि जिला अस्पताल में गंभीर मरीजों के इलाज के लिए बड़ा सेटअप नहीं है। मरीजों को रेफर किया जाएगा। घंटाघर पर कपड़ा व्यवसायी राजा चौरसिया ने बताया कि शहर में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए विकल्प होना चाहिए।
-कलेक्टर बोले, हमने दोनों विकल्प भेजे हैं शासन को
इधर, कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के संबंध में उन्होंने दो प्रपोजल बनाकर भेजे हैं। एक में मेडिकल कॉलेज में ही अस्पताल बनाने का प्रपोजल शामिल है। उन्होंने बताया कि शासन स्तर से निर्णय लिया जाएगा।
-पानी की किल्लत बरकरार
यहां अभी पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है। मेडिकल कॉलेज निर्माण से पूर्व पानी की स्थिति देखे बिना ही जमीन आवंटित कर दी गई थी। बाद में पता चला कि यहां पर गर्मियों में पानी का जल स्तर पाताल में चला जाता है। अब सतधरू से १७ किमी लंबी पाइप लाइन बिछाई जाना है, लेकिन यह प्रपोजल पिछले छह महीने से कैबिनेट की बैठक के चलते अटका हुआ है।

Published on:
15 Sept 2025 11:40 am
Also Read
View All

अगली खबर