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भोपाल. गर्मी के दिनों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। या फिर तमाम सुरक्षा इंतजामों के बावजूद अग्निकांड हो ही जाते हैं। क्योंकि, दुर्घटनाएं कभी कहकर नहीं आतीं। इसलिए आग लगने की घटनाओं पर सर्तकता जरूरी है।
यह भी जानिए
-नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार देश में हर साल करीब 25,000 लोगों की मौत आग में जलने या झुलसने की वजह से होती है।
-यानी हर रोज आग लगने के कारण 60 से ज्यादा लोग अपनी जान गवां देते हैं।
-मॉडर्न के फर्नीचर के कारण अब के घरों में 50 साल पहले की तुलना में 8 गुना अधिक तेजी से आग पकड़ती हैं।
आग से बचने के क्या उपाय हैं?
आग में क्यों होती है मौत
वातावरण में ऑक्सीजन का लेवल अमूमन 21 प्रतिशत होता है। जब कहीं आग लगती है तो वहां ऑक्सीजन लेवल कई बार घटकर 4-6 प्रतिशत रह जाता है। ऐसे में दम घुटने से चंद सेकेंड में मौत हो जाती है।
घर में आग लगने के प्रमुख कारण
शॉर्ट सर्किट का होना
क्या करें
मजबूत और अच्छे यानी आइएसआइ मार्क इलेक्ट्रिकल वायरिंग को यूज करें
गैस पाइप का लीक होना
क्या करें
गैस पाइप रेगुलेटर को नियमित चेक करें। गैस लीकेज है तो पाइप बदलें। सिलेंडर की सेफ्टी कैप चेक करते रहें।
आग लग जाए तो क्या करें
घर या छत में बॉल्टी में रेत, बालू आपात स्थिति के लिए जरूर रखें
घर में पोर्टेबल फायर एक्सटिंग्विशर भी रख सकते हैं
गैस सिंलेडर में लगी को आग बुझाने के लिए बोरी या गीले कपड़े को सिलेंडर पर डालें
शॉर्ट सर्किट की आग पर पानी न डालें, बिजली सप्लाई तुरंत काटें
ज्वलनशील चीजों को तुरंत आग के पास से हटाएं
गैस सिलेंडर में आग लगी है तो सिलेंडर को न छुएं
गीले कपड़े से दरारों को बंद करें ताकि कमरे में धुंआ न भरे
अपनी नाक और चेहरे को गीले कपड़ों से ढंके
घर से घुटनों के बल रेंगकर जल्द से जल्द बाहर निकलें
फायर अलार्म बजाएं, लिफ्ट का प्रयोग न करें
कपड़ों में आग लगे तो भागने के बजाए लेट जाएं