नोएडा

UP STF ने फर्जी रॉ-आफिसर को पकड़ा, जिसके लैपटॉप में था दिल्ली ब्लास्ट का वीडियो, कई फर्जी दस्तावेज बरामद

उत्तर प्रदेश के नोएडा एसटीएफ की टीम में एक ऐसे संदिग्ध को गिरफ्तार किया है, जिसके लैपटॉप से दिल्ली ब्लास्ट का वीडियो मिला है। इसके अलावा वह खुद को रॉ का आफिसर बता रहा था। उसके पास से कई संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद किए गए।

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Nov 19, 2025

UP News: नोएडा एसटीएफ ने बुधवार को एक फर्जी रॉ अधिकारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम सुमित कुमार है और उसके लैपटॉप से दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े वीडियो भी मिले हैं। धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं, इसलिए हर संदिग्ध की जांच की जा रही है। इसी दौरान ग्रेटर नोएडा से STF को खास इनपुट मिला और टीम पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसाइटी में पहुंचकर आरोपी को नंगे पैर ही पकड़कर ले गई।

खुद को बताता था कभी मेजर अमित, कभी रॉ अधिकारी

जांच में पता चला कि सुमित अलग-अलग सोसाइटी में खुद को कभी मेजर अमित और कभी रॉ का सीनियर अधिकारी बताकर रहता था। NCR में वह कई नामों से किराए पर फ्लैट लेता था। उसके पास से 10 से ज्यादा रेंट एग्रीमेंट मिले हैं। ग्रेटर नोएडा में वह लगभग एक साल से रह रहा था।

बनाई थी फर्जी कंपनी

छानबीन के दौरान पता चला कि सुमित ने एक फर्जी कंपनी भी बना रखी थी, जिसमें लोगों से गलत तरीके से निवेश करवाया जा रहा था। कंपनी के कई दस्तावेज भी STF ने बरामद किए हैं।

ढेरों फर्जी दस्तावेज मिले

आरोपी के पास से भारी मात्रा में नकली कागजात मिले हैं, जिसमें दो फर्जी आईडी, करीब 20 चेक बुक, दिल्ली पुलिस का नकली वेरिफिकेशन लेटर, 8 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 5 पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी, तीन लैपटॉप, दो टैबलेट, 17 रेंट एग्रीमेंट, बैंक स्टेटमेंट और कंपनी रजिस्ट्रेशन के कागजात आदि दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
हालांकि, दिल्ली धमाके से उसका कोई सीधा लिंक है या नहीं, यह अभी साफ नहीं है।

रॉ ने भी किया कन्फर्म

एसटीएफ को जब शक हुआ तो उन्होंने रॉ अधिकारियों को बुलाया। रॉ ने जांच कर बताया कि इस नाम का कोई भी अधिकारी उनके विभाग में काम नहीं करता। आरोपी के पास मिला रॉ का आईकार्ड भी पूरी तरह फर्जी निकला।

फ्लैट मालकिन को भी दिखाया था फर्जी लेटर

फ्लैट की मालकिन मंजू गुप्ता ने बताया कि सुमित ने खुद को मेजर अमित कुमार बताया था, और दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर के लेटरहेड पर बना एक फर्जी वेरिफिकेशन लेटर भी दिया था। उन्होंने वह दस्तावेज STF को वॉट्सऐप पर भेज दिए। कई टीमें इस मामले की जांच में जुट गई हैं।

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