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झटका: 18 करोड़ की क्रिटिकल केयर यूनिट को नहीं मिलेंगे विशेषज्ञ और स्टाफ

-जिला अस्पताल के स्टाफ से चलानी पड़ सकती है यूनिट -दो साल बाद भी यूनिट शुरू होने का इंतजार, हैंडओवर की प्रक्रिया भी अटकी

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Jul 09, 2025


दमोह. गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए सीएमएचओ कार्यालय के बाजू में क्रिटिकल केयर यूनिट आकार ले चुका है। हालांकि हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी न हो पाने के चलते यह यूनिट शुरू नहीं हो पाई है। इस बीच जो खबर आ रही है वह मरीज हित में नहीं है। बताया जाता है कि सरकार इसे चालू करने के लिए अलग से मैनपावर नहीं देगा। यदि ऐसा हुआ तो गंभीर मरीजों के इलाज के सपने पर पानी फिर सकता है।
बता दें कि करीब ढाई साल पहले क्रिटिकल केयर यूनिट का निर्माण शुरू हुआ था। उस वक्त बताया गया था कि इस यूनिट के चालू होने से गंभीर मरीजों को यहां पर इलाज मिलेगा। मसलन हेड इंज्युरी, हार्ट अटैक, मेजर सर्जरी आदि की सुविधा मरीजों को मिलेगी। इसके लिए शासन अलग से स्टाफ तैनात करेगा।
-सवाल: कैसे चलेगी यह यूनिट
बता दें कि जिला अस्पताल में वैसे भी विशेषज्ञों की कमी बनी हुई है। जबकि यहां पर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में यहां पर मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर जैसे-तैसे मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मेडिसिन व सर्जरी विभाग ऐसे हैं, जहां पर मात्र एक-एक विशेषज्ञ हैं, जबकि इन दोनों विभागों में मरीजों व घायलों की संख्या अधिक होती है।
-१८ करोड़ रुपए हुए हैं खर्च
इस क्रिटिकल केयर यूनिट को बनाने में एनएचएम ने १८ करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इस राशि से ५० बेड का अस्पताल बनाया गया है। पत्रिका ने जब पड़ताल की तो पाया कि स्ट्रक्चर लगभग बनकर तैयार पाया है। फिनिशिंग का काम बचा है। इस वजह से हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है।
-सिर्फ बिल्डिंग बनी, प्लानिंग कागजों तक सीमित
अस्पताल परिसर में अस्पताल बनकर तैयार तो हो गई है, लेकिन यहां पर मरीजों को लेकर कोई गाइड लाइन नहीं बनाई गई है। मसलन यदि यूनिट चालू होती है तो भर्ती होने वाले मरीजों के लिए एंट्री व एग्जिट गेट जिला अस्पताल का मुख्य द्वार ही होगा या फिर बस स्टैंड मार्ग वाले गेट को चालू कराया जाएगा। क्योंकि यदि मरीज मुख्य गेट से आता है तो उसे परेशानी हो सकती है। आमतौर पर मरीजों के लिए पहले पर्ची बनवाई जाती है और फिर उन्हें दिखाया जाता है। इस काम में वक्त लग सकता है।
यहां पर भी एक नजर
-पर्ची काउंटर की अलग से व्यवस्था रहेगी।
-जांच के लिए भी अलग से काउंटर होंगे।
-मेडिसिन, हड्डी, बेहोशी वाले विशेषज्ञ और सर्जन की तैनाती होगी।
-क्या रेफर किए जाने वाले मरीजों का होगा इलाज।

वर्शन
क्रिटिकल केयर यूनिट बनकर तैयार हो गई है। हैंडओवर की प्रक्रिया चल रही है। मैनपावर के संबंध में जानकारी मिली है कि शासन संभवत: मैनपावर नहीं देगा। ऐसी स्थिति में गंभीर मरीजों का इलाज करना मुश्किल हो सकता है।

डॉ. प्रहलाद पटेल, सिविल सर्जन दमोह

Published on:
09 Jul 2025 11:32 am
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