ओपिनियन

संपादकीय : मानवीय मूल्यों के पोषण से ही थमेंगे ‘हेट क्राइम’

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि किसी भी समुदाय के खिलाफ घृणा का माहौल बनाने के परिणाम बेहद खतरनाक होते हैं। यह जहर धीरे-धीरे दंगे और सामूहिक नरसंहार जैसे मानवता को लज्जित करने वाले मामले बढ़ाने वाला होता है।

2 min read
Mar 06, 2025

नस्ल, जाति, धर्म, समुदाय या लिंग के आधार पर भेदभाव की घटनाएं दुनिया के किसी भी कोने में हों, सामाजिक विकृति की ओर ही संकेत करती है। सब जानते हैं कि ऐसे मामले दुनिया भर में पूर्वाग्रह से ग्रसित होने वाले आपराधिक तत्वों के कारण बढ़ रहे हैं। हेट क्राइम को लेकर दूसरे देशों को नसीहत देने वाले अमरीका में पिछले सालों में नस्लभेद आधारित अपराध बढऩा वाकई चिंताजनक है। हाल ही अमरीका के फ्लोरिडा में ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसमें एक अमरीकी मरीज ने भारतीय मूल की नर्स पर बेरहमी से हमला किया। किसी भी चिकित्साकर्मी पर हमला होना तो गंभीर है ही, इस मामले की गंभीरता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि हमलावर गुस्से में यह कहता नजर आया कि 'इंडियंस आर बैड'। यानी मरीज के दिमाग में भारतीयों के प्रति पहले से ही घृणा भरी हुई थी, जिसके चलते उसने नर्स को बुरी तरह से घायल कर दिया। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि किसी भी समुदाय के खिलाफ घृणा का माहौल बनाने के परिणाम बेहद खतरनाक होते हैं। यह जहर धीरे-धीरे दंगे और सामूहिक नरसंहार जैसे मानवता को लज्जित करने वाले मामले बढ़ाने वाला होता है।
यहूदियों के खिलाफ फैलाई गई घृणा ने 'होलोकॉस्ट' को जन्म दिया था, जिसमें बड़ी संख्या में यहूदियों की हत्या कर दी गई थी। इसलिए इन घटनाओं को सामान्य घटनाएं मानकर दरकिनार नहीं किया जा सकता। इस तरह के मामलों को रोकने के लिए, इसके मूल कारणों को समझना और उनको दूर करना आवश्यक है। कई देशों में राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ रहा है, जिससे सामाजिक विभाजन और तनाव बढ़ रहा है। साथ ही तकनीक भी बड़ी समस्या बन रही है। सोशल मीडिया हेट स्पीच और गलत सूचनाओं को फैलाने का एक शक्तिशाली साधन बन गया है। एआइ के जमाने में झूठी सूचनाएं इस तरह से फैलाई जा सकती हैं, जो असल की तरह लगें। इस समस्या से लडऩा बड़ी चुनौती है।
आर्थिक असमानता बढऩे से भी कुछ समूहों में नाराजगी और आक्रोश बढ़ रहा है, जिससे वे दूसरों को निशाना बना सकते हैं। आतंकी हमलों और शरणार्थी संकट ने भी हेट क्राइम के मामलों में वृद्धि की है। यह समस्या किसी एक देश की नहीं है। इसके लिए आपसी सौहार्द और मानवीय मूल्यों में विश्वास को मजबूत करने पर जोर देना आवश्यक है। हर वर्ग को हेट क्राइम की निंदा करनी चाहिए। ऐसे बयानों से बचना चाहिए जो सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देते हैं। सरकारों को ऐसी नीतियों को लागू करना चाहिए जो सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करें।

Published on:
06 Mar 2025 10:29 pm
Also Read
View All

अगली खबर