पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं
छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन
ट्रंप टैरिफ लागू होना भारत के लिए अच्छा है। आत्मनिर्भर बनने की दिशा में ज्यादा से ज्यादा कदम उठाए जाने चाहिए। छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देना चाहिए। कृषि उत्पादों में नयी तकनीक लगाकर किसान की मदद करके नए बाजारों तक पहुचाएं। घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन दें। हमें शिक्षा और ग्रामीण विकास पर ध्यान देना होगा। - रंजू अजमेरा सूरत
मेक इन इंडिया का मौका
ट्रंप टैरिफ ने भारत के सामने नई चुनौती रखी है। यह समय है कि हम विदेशी आयात पर निर्भरता कम कर अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाएं। सरकार को उद्योगों को प्रोत्साहन देना चाहिए ताकि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को सशक्त आधार मिले। यही विकास का स्थायी रास्ता होगा। - किशोरीलाल शर्मा, बीकानेर
कृषि और कुटीर उद्योग का सहारा
अमरीकी टैरिफ से हमें डरने की ज़रूरत नहीं है। भारत को कृषि क्षेत्र और कुटीर उद्योगों पर ध्यान देना चाहिए। अगर ग्रामीण स्तर पर उत्पादन बढ़ेगा तो आयात कम होगा और रोज़गार भी बढ़ेंगे। आत्मनिर्भरता केवल उद्योग से नहीं, बल्कि स्थानीय संसाधनों के सही इस्तेमाल से संभव है। - गिरिजेश अवस्थी, जबलपुर
स्टार्टअप और एमएसएमई की भूमिका
ट्रंप टैरिफ भारत को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देता है। यह अवसर है जब स्टार्टअप और एमएसएमई को नीतिगत समर्थन दिया जाए। अगर छोटे और मध्यम उद्योगों को सस्ता ऋण और तकनीकी मदद मिले, तो वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। यही भारत को नई आर्थिक ताकत देगा। - प्रभाकर रॉय, कोलकाता