पाली अब संभाग नहीं, फिर से जिला मुयालय
Pali News : पाली जिसे 1 साल 9 माह पहले 17 मार्च 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संभाग का दर्जा दिया था। इसमें पाली, जालोर व सिरोही के साथ जालोर के हिस्से सांचौर को जिला बनाकर चार जिले शामिल किए थे। शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पाली संभाग व सांचौर जिले को रद्द कर दिया। इससे पालीवासियों में संभाग बनने पर जो विकास की आस जगी थी, वह भी धूमिल हो गई। पाली अब संभाग मुख्यालय की जगह फिर से जिला मुयालय रहेगा। पाली के डाक बंगले में बनाया संभागीय आयुक्त कार्यालय फिर से डाक बंगले में बदल जाएगा। वहीं आइजी कार्यालय भी नहीं रहेगा। पाली संभाग मुख्यालय नहीं रहने से पाली फिर जोधपुर संभाग का हिस्सा होगा और संभाग स्तरीय कार्य के लिए जोधपुर की दौड़ लगानी होगी।
पाली के एक नेताजी ने अक्टूबर में कहा था कि पाली संभाग किसी भी सूरत में समाप्त नहीं होगा। संभाग यथावत रहेगा। सरकार भी ऐसा कुछ नहीं कर रही। संभाग के अनुरूप इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए प्रयास करने का भी कहा था, लेकिन सरकार ने संभाग खत्म कर दिया। संभाग खत्म होने पर सवाल करने पर वे बोले मुझे बशो, बाद में बात करते हैं।
नए जिले व संभाग बनाने को लेकर सेवानिवृत्त आइएएस की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था। उस समिति के विवेचन व विचार के बाद सरकार की ओर से पाली संभाग रद्द करने का फैसला किया है। हम तो चाहते है पाली संभाग रहे, लेकिन सरकार पूरे प्रदेश को देखकर निर्णय करती है।
-मदन राठौड़, प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा
पाली संभाग खत्म कर दिया, यह गजब हो गया। हम तो पाली को संभाग बनाने से खुश थे। नए जिले व संभाग जनता की भलाई व बेहतर प्रशासनिक सेवा के लिए बनाए थे। इनको राजनीति में डालकर खत्म किया है। यह दुख की बात है। यह अच्छा काम नहीं किया है।
-भीमराज भाटी, विधायक, पाली
रास्थान सरकार ने जो नौ जिले व तीन संभाग खत्म करने का निर्णय लिया है। उसकी मैं निंदा करता हूं। पिछली सरकार ने जल्द से जल्द न्याय मिले, उनको सुविधा मिले, इसलिए नए जिले व संभाग बनाए थे। बीजेपी सरकार हर मोर्चे पर विफल है। आज का निर्णय जनहित का नहीं है।
-अजीज दर्द, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस
पाली को संभाग रद्द करने का फैसला गलत है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने पाली को जो सौगात दी थी। उसे इस सरकार ने छीन लिया है। पाली संभाग रहता है तो यहां विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। इसे एक तरह से पाली का डिमोशन कह सकते है।
-महावीरसिंह सुकरलाई, कांग्रेस नेता
सांचौर। सरकार की ओर से सांचौर को जिला निरस्त करने पर क्षेत्र के लोगों में निराशा है। पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने सांचौर को जिला निरस्त करने के राज्य सरकार के निर्णय को गलत बताते हुए इसकी आलोचना की है। पूर्व मंत्री ने कहा कि सांचौर की जालोर मुख्यालय से 153 किलोमीटर दूरी होने की वजह से एवं सांचौर के अंतिम गांव की दूरी ढाई सौ किलोमीटर होने की वजह से मापदंड पर खरा उतर रहा था। लेकिन सांचौर जिले को निरस्त कर गलत कार्य किया है। जिसका आने वाले समय में क्षेत्र की जनता जवाब देगी। वहीं दूसरी ओर विधायक जीवाराम चौधरी ने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया फैसला कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। जिसमें रानीवाड़ा, भीनमाल और बागोड़ा के लोगों द्वारा लगातार विरोध करने की वजह से राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया है। ऐसे में अकेले सांचौर क्षेत्र की वजह से जिला बनना संभव नहीं था। ऐसी परिस्थिति में कमेटी ने जो रिपोर्ट सौंपी उसके आधार पर निर्णय हुआ है। राज्य सरकार के इस निर्णय को लेकर लोगों में भी नाराजगी दिखाई दे रही है। सोशल मीडिया पर लोग सरकार के प्रति नाराजगी जता रहे है। जिला यथावत रखने की मांग को लेकर रविवार एक बजे कलेक्ट्रेट मुख्यालय सांचौर के आगे पूर्व सुखराम बिश्नोई ने सम्मेलन बुलाया तथा सोमवार से महापड़ाव डालेंगे।
जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के पूर्व अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने बताया कि प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा गहलोत सरकार के समय जनहित में बनाए 9 जिलों व 3 संभागों को समाप्त करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण और जनता के हितों पर सीधा प्रहार है। यह निर्णय न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को कमजोर करता है बल्कि जनता की उम्मीदों के साथ कुठाराघात है। खासतौर पर सांचौर की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि इसे जिला बनाया जाना न केवल जरूरी था, बल्कि क्षेत्र की जनता की वर्षों पुरानी मांग थी। सांचौर का बड़ा क्षेत्रफल, दूर दराज के गांवों की समस्याएं और अन्य क्षेत्रीय मुद्दे इसे जिला बनाए जाने की प्राथमिकता में रखते हैं। अच्छा होता और नए जिले घोषित होते, जिसमे भीनमाल भी होता। कांग्रेस पार्टी इस लड़ाई को हर मंच पर मजबूती से लड़ेगी। जनता भाजपा को सबक सिखाएगी। जनता एहसास करवाएगी कि जनविरोधी नीतियां कभी सफल नहीं हो सकती है।
राज्य सरकार द्वारा सांचौर को जिला निरस्त करने का निर्णय गलत है। हम उसका विरोध करते हैं। सांचौर के अंतिम गांव की जालोर मुयालय से ढाई सौ किलोमीटर की दूरी है। आने वाले समय में जनता भाजपा को जरूर जबाब देगी।
-सुखराम बिश्नोई, पूर्व मंत्री राजस्थान सरकार।
राज्य सरकार द्वारा कमेटी की बनाई रिपोर्ट पर सांचौर जिला निरस्त करने का निर्णय लिया है। क्योंकि रानीवाड़ा, बागोड़ा और भीनमाल लगातार विरोध कर रहे थे। ऐसे में सरकार के पास जिला निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
-जीवाराम चौधरी, विधायक सांचौर