राजस्थान की पर्यटक ट्रेन 'वैली क्वीन'। पर्यटकों के बीच इस खास ट्रेन का जबरदस्त क्रेज है। अगर आप भी यात्रा करना चाहते हैं तो जानिए इसके बारे में...
Rajasthan Tourist Heritage Train: राजस्थान की एकमात्र पर्यटक ट्रेन 'वैली क्वीन' (Valley Queen Train) का सफर जितना खूबसूरत है, उससे भी ज्यादा मनमोहक हैं इस ट्रेन के रूट। राजस्थान में चलने वाली इस ट्रेन में सफर करने का अनुभव बेहद रोमांचक है। इस हेरिटेज ट्रेन का डिज़ाइन और इसका रूट यात्रियों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र है। 60 सीटों की क्षमता वाली पूर्णतः वातानुकूलित कोच वाली यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, बुधवार और शुक्रवार को चलती है।
इसकी टिकट की कीमत 2,000 रुपये प्रति व्यक्ति हैं। यह मीटर-गेज ट्रेन सुबह 8.30 बजे मारवाड़ जंक्शन से प्रस्थान करती है, जो 9: 20 बजे फुलाद, गोरमघाट रेलवे स्टेशनों से होते हुए सुबह 11 बजे खामलीघाट पहुंचती है। ट्रेन का हर स्टेशन पर 10 से 15 मिनट का संक्षिप्त ठहराव सुनिश्चित है। यह खामलीघाट पर साढ़े तीन घंटे रुकने के बाद यह दोपहर 2:40 बजे रवाना होकर उसी दिन शाम 5.40 बजे मारवाड़ जंक्शन पहुंचती है।
वैली क्वीन हेरिटेज ट्रेन देश की छठी हेरिटेज ट्रेन है, जो अपने खूबसूरत रूट के साथ एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है। यह ट्रेन हरी-भरी घाटियों, पहाड़ियों, दुर्लभ वनस्पतियों और जीवों से होकर गुज़रती है। इस रूट में दो सुरंगें हैं जो लगभग एक सदी पुरानी हैं, साथ ही पानी की धाराओं पर 172 छोटे और बड़े पुल हैं।
इन दिनों बारिश के बाद गोरमघाट, गौरीधाम एवं भीलबेरी के झरनों और हरियाली के अलौकिक नजारों को देखने के लिए जिले सहित आसपास के अन्य जिलों के सैकड़ों सैलानी परिवार और दोस्तों के साथ पहुंच रहे हैं। फुलाद रेलवे स्टेशन पर मारवाड़ की ओर से जैसे ही ट्रेन आई सभी पर्यटक ट्रेन में बैठने के लिए उमड़ पड़े। हरियाली अमावस्या पर ट्रेन का प्रत्येक डिब्बा खचाखच भरा हुआ नजर आया। यही नहीं कई स्थानीय एवं अन्य पर्यटक सडक़ मार्ग से ही गोरमघाट पहुंच गए और वहां झरनो में नहाने का भरपूर आनंद लिया। वहीं नगर के आसपास के क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों पर भी लोगों की भारी भीड़ रही।