पाली

रणकपुर जवाई बांध महोत्सव 2025: अरावली की वादियों में बिखरे लोक संस्कृति के रंग, एडवेंचर और भक्ति का अनूठा संगम

Ranakpur Jawai Dam Festival-2025: रणकपुर जवाई बांध महोत्सव-2025 का भव्य शुभारंभ हुआ, जिसमें पर्यटन, संस्कृति और रोमांच का अनूठा संगम देखने को मिला। हॉट एयर बैलून, वन्यजीव सफारी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने पहले ही दिन पर्यटकों को आकर्षित किया।

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Dec 22, 2025
रणकपुर जवाई बांध महोत्सव-2025 में उमड़े दर्शक। फोटो- पत्रिका

सादड़ी/पाली। अरावली की सुरम्य पहाड़ियों और ऐतिहासिक विरासत के बीच 'रणकपुर जवाई बांध महोत्सव-2025' का भव्य आगाज हुआ। पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन और नगरपालिका की संयुक्त मेजबानी में आयोजित इस महोत्सव ने पहले ही दिन पर्यटकों और स्थानीय ग्रामीणों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कहीं हॉट एयर बैलून से आसमान नापा गया, तो कहीं 'कबीर कैफे' की धुनों पर युवा झूमते नजर आए।

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वन्यजीव सफारी और पौधरोपण से हुई शुरुआत

महोत्सव का शुभारंभ कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य की सादड़ी रेंज (मोड़िया वनखंड) में हुआ। एसीएफ प्रमोदसिंह नरुका, एडीएम शैलेंद्रसिंह चारण और एसडीएम सिद्धार्थ सांदू ने हर्बिवोर्स एनरिचमेंट एनक्लोजर और रणकपुर रेस्क्यू सेंटर वनपथ से जीप सफारी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान अधिकारियों ने पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।

आसमान में उड़े गुब्बारे, एडवेंचर का रोमांच

माना रिसोर्ट हैलीपैड ग्राउंड पर रोमांच प्रेमियों का जमावड़ा रहा। हॉट एयर बैलून और पेरासेलिंग के जरिए पर्यटकों ने आसमान से रणकपुर की सुंदरता का नजारा किया। वहीं नीले आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों ने समां बांध दिया। मारवाड़ रत्न हनवंतसिंह राठौड़ के सान्निध्य में राज्य पशु ऊंट से जुड़े उत्पादों और हस्तशिल्प की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जो आकर्षण का केंद्र रही।

2100 दीपों से जगमगाया रणकपुर मंदिर

शाम ढलते ही भक्ति और आस्था का अनुपम दृश्य देखने को मिला। विश्व प्रसिद्ध रणकपुर जैन मंदिर के कृत्रिम जलस्रोत में दीपदान किया गया। मंदिर परिसर को 2100 दीपों से सजाया गया, जिनकी रोशनी ने मंदिर की अद्भुत नक्काशी में चार चांद लगा दिए।

स्टार नाइट : कबीर कैफे और डेजर्ट सिम्फनी का जादू

सूर्य मंदिर के मुक्ताकाशी रंगमंच पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या सबसे बड़ा आकर्षण रही। कबीर कैफे म्यूजिक बैंड अपने अनूठे फ्यूजन संगीत से दर्शकों को भक्ति और संगीत के नए सफर पर ले गया। वहीं लंगा और मांगणियार कलाकारों ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों की थाप पर राजस्थानी लोक कला का जादू बिखेरा। ‘केसरिया बालम’ सहित लोक गीतों की प्रस्तुति पर दर्शक झूमने को मजबूर हो गए।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर तहसीलदार फतेहसिंह राठौड़, उपनिदेशक अविनाश चारण, रेंजर जितेंद्रसिंह शेखावत, पर्यटन सहायक निदेशक सरिता फिड़ौदा, ईओ नीलकमलसिंह, पालिका उपाध्यक्ष हीराराम जाट सहित अनेक प्रबुद्धजन तथा कई सैलानी उपस्थित रहे।

वहीं दूसरे दिन सुबह 10 से शाम 4 बजे तक पतंगबाजी, हस्तशिल्प प्रदर्शनी, पैरासेलिंग, हॉट एयर बैलूरिंग हुई। इसके साथ ही पगड़ी बांधना, रस्साकशी, गोडवाड़ श्री, मिस गोडवाड़, चम्मच-नींबू दौड़ और मटका दौड़ आदि का आयोजन किया गया। हनुमान मंदिर के पास रणकपुर रोड़ सादड़ी में दोपहर 2 से शाम 4 बजे हॉर्स शो हुआ। इसके बाद सूर्य मंदिर रणकपुर में मामे खान द्वारा प्रस्तुति दी गई।

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