जलदाय विभाग में पानी के बिल वितरण करने वाली कम्पनी के कार्मिकों की ओर से रोजाना शहरवासियों को दिए जा रहे है। वह भी एक से डेढ़ घंटे इंतजार कराने के बाद।
पाली। आप जाओ कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत कर दो…, हमारा एक सिस्टम है…, बिल आया है तो भरना पड़ेगा…, मीटर रीडर नहीं आया और बिल बिना पठन का आया तो शिकायत लिखवा दें…, हम सुपरवाइजर से बात करेंगे…अभी बिल भरना पड़ेगा…, अगली बार बिल आएगा तो ठीक हो जाएगा…। इस तरह के जवाब जलदाय विभाग में पानी के बिल वितरण करने वाली कम्पनी के कार्मिकों की ओर से रोजाना शहरवासियों को दिए जा रहे है। वह भी एक से डेढ़ घंटे इंतजार कराने के बाद।
वहां सोमवार को एक उपभोक्ता पहुंचा और बिल में घर बंद बताना लिखा होने की शिकायत की। इस पर उनको हाथ से बिल बनाकर गत पठन लिखे बिना ही बिल थमा दिया। वहीं एक उपभोक्ता के गत व वर्तमान दोनों पठन जीरो-जीरो बताकर 2400 रुपए से अधिक का बिल थमा दिया। उसमें बताया कि पिछली राशि बकाया है। वह बोले पहले बिल नहीं आए थे, अब इतनी राशि कैसे भरे। इस पर जवाब मिला…बिल नहीं आया तो यहां आकर पता करना चाहिए था।
बिल ठीक कराने पहुंचे शंकर सिंह ने बताया कि वे तीसरी बार बिल सुधरवाने आए है। हर बार ऐसे ही बिल थमा दिया जाता है। राजूवन ने बताया कि उसके बिल में वर्तमान व गत पठन दोनों अंकित नहीं है। ऐसे ही एक उपभोक्ता मीटर का फोटो लेकर पहुंचे। जिसमे रीडिंग अलग थी और बिल में अंकित अलग। इस पर उनको कहा, इस बार बिल बन गया। इसके हिसाब भर दो, अगली बार ठीक हो जाएगा।
कम्पनी की ओर से बिल व जल वितरण कार्य करने के बाद से अब तक शहर में सिस्टम नहीं सुधर रहा। बिल समय पर नहीं मिलते। अब एसएमएस आने पर बिल भरने का कहा जा रहा है। कम्पनी की ओर से एक-एक साल तक के बिल नहीं भेजे गए। अब उपभोक्ताओं से सभी बिलों की राशि एक साथ भरने को कहा जा रहा है। जो हजारों रुपए में है। उधर, जलदाय विभाग भी उपभोक्ताओं की नहीं सुन रहा है।