Maa Sharda Conservation Reserve: आदिवासी समाज ने मां शारदा कंजर्वेशन रिजर्व के प्रस्ताव के खिलाफ महापंचायत कर चेतावनी दी हैं। उन्होंने कहा कि जंगल और जमीन पर कब्जा हुआ तो अस्तित्व और संस्कृति दोनों खतरे में पड़ेंगे (mp news)
Forest Land Rights: प्रदेश के सतना, मैहर और पन्ना जिलों में स्थित परसमनिया और कल्दा पठार के घने जंगल को मां शारदा देवी कंजर्वेशन रिजर्व (Maa Sharda Conservation Reserve) का दर्जा दिया जाना है। वन विभाग ने इस क्षेत्र को संरक्षित करने की पूरी तैयारी कर ली है। अगले सप्ताह इस प्रस्ताव को राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके विरोध में रविवार को पन्ना जिले के कल्दा में पन्ना सहित सतना, मैहर और कटनी जिले के 80 गांवों के आदिवासी जुटे। आदिवासियों ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे अपने अस्तित्व के लिये खतरा बताया। (mp news)
जनपद के आदिवासी बाहुल्य ग्राम कल्दा में रविवार को आदिवासी समाज ने एकजुट होकर महापंचायत का आयोजन किया। जंगल और जमीन पर प्रस्तावित मां शारदा देवी कंजर्वेशन रिजर्व के विरोध में आयोजित इस पंचायत में चारो जिलों के 80 गांवों के आदिवासियों ने भाग लिया। सभा को संबोधित करते हुए आदिवासी नेताओं ने कहा, यह प्रस्ताव सीधे-सीधे उनके अस्तित्व पर हमला है।
जंगल और जमीन ही उनकी रोजी-रोटी का साधन है। यही उनकी संस्कृति और पहचान है। यदि इस पर किसी प्रकार की रोक या बाहरी कब्जा किया गया तो आदिवासियों का जीवन संकट में आ जाएगा। महापंचायत में सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया गया कि वे अपने हक और अधिकार की लड़ाई हर स्तर पर लड़ेगे। आगामी दिनों आंदोलन तेज किया जाएगा। (mp news)
आदिवासी नेताओं ने कहा, ने कहा कि जंगल बचाना और जमीन बचाना ही असली संघर्ष है और इसके लिए वे किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे। ग्रामीणों ने तय किया कि आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। शासन-प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई जाएगी। सभा में बुजुर्गों ने जंगल से जुड़े अपने परंपरागत संबंधों को बताया तो युवाओं ने जंगल बचाओ, जमीन बचाओ के नारे लगाए। कल्दा की इस महापंचायत ने साफ कर दिया है कि आदिवासी समाज अपने अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह संगठित है और प्रस्तावित कंजर्वेशन रिजर्वेशन के खिलाफ आंदोलन खड़ा करेगा। (mp news)
मां शारदा कंजर्वेशन रिजर्व लगभग 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा। इसमें एक दर्जन से ज्यादा गांव शामिल होंगे। नागौद विधायक नागेंद्र सिंह और मैहर के विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी ने इस परियोजना पर अपनी सहमति दे दी है। कंजर्वेशन रिजर्व बनने के बाद वन विभाग वन्यजीवों के लिए बेहतर आवास और वन संरक्षण के लिए एक विस्तृत प्रबंधन योजना तैयार करेगा। यह योजना पर्यटन को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे यह क्षेत्र भविष्य में वन्यजीव पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन सके। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए केंद्र सरकार से भी वित्तीय और तकनीकी सहायता मिलने की उम्मीद है।