पटना

बिहार विधानसभा चुनाव: राघोपुर में तेज प्रताप की सक्रियता, बदले की राजनीति या राहत की यात्रा, पढ़िए क्या है…

Bihar Assembly Election 2025 Bihar Assembly Election 2025 बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राघोपुर विधानसभा सीट की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। लालू-राबड़ी के बाद राघोपुर सीट की राजनीतिक विरास संभाल रहे उनके बेटे तेजस्वी यादव को इस दफा उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव से ही चुनौती मिलती दिख रही है।

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Sep 13, 2025
राघोपुर विधानसभा: तेज प्रताप और तेजस्वी यादव

Bihar Assembly Election 2025 बिहार का राघोपुर विधानसभा सीट पारिवारिक संग्राम का सियासी अखाड़ा बनता दिख रहा है। इस सीट पर एक तरफ एनडीए और आरजेडी के बीच वर्चस्व की जंग है। दूसरी तरफ अब परिवार के अंदर की लड़ाई भी चुनावी मैदान में दिखने लगी है। शुक्रवार की रात राघोपुर के लोग अपने विधायक तेज प्रताप यादव के आवास पर नहीं जाकर तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंचे। राघोपुर से आए बाढ़ पीड़ितों की तेज प्रताप यादव ने अपने घर पहुंचने पर जिस प्रकार से उनको अपने घर में रखा और खाना खिलाने इसकी अब बिहार की सियासी गलियारों में भी होने लगी है। तेज प्रताप ने इसका वीडियो भी शेयर किया है। को लेकर पूछ रहे हैं क्या लालू परिवार के घर की लड़ाई का प्रभाव चुनाव में भी दिखेगा? क्या तेज प्रताप यादव चुनाव में ‘विभीषण' की भूमिका में होंगे?

बदले की राजनीति या राहत की राजनीति

सोशल मीडिया पर एक और वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में तेज प्रताप यादव राघोपुर की जनता से पूछ रहे हैं कि क्या आपके विधायक आपके क्षेत्र में आत हैं? तेज प्रताप पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद लालू प्रसाद के बड़े लाल तेज प्रताप जिस तरीके से बिहार के साथ साथ राघोपुर में सक्रिय है और बयान दे रहे हैं उससे साफ है कि तेज प्रताप यादव अब अपनी खुद की जमीन तैयार करने में लगे हैं। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचने ये सिर्फ बाढ़ पीड़ितों की मदद नहीं है। इसमें एक बड़ी राजनीति है जिसकी परत धीरे धीरे खुलेगी। हालांकि तेज प्रताप यादव बाढ़ पीड़ितों की मदद करते हुए कहते हैं कि मेरा यहां से चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है।

राहत यात्रा या राजनीतिक एंट्री?

राघोपुर में भीषण बाढ़ है। बाढ़ पीडितों के बीच वे नाव से पहुंच रहे हैं। बाढ़ पीडितों के बीच राहत सामग्री बांट रहे हैं। लोगों से जिस प्रकार का सवाल कर रहे हैं उससे साफ है कि तेज प्रताप के निशाने पर NDA सरकार तो है ही, मगर असल निशाना छोटे भाई तेजस्वी यादव के ऊपर भी है। वह राघोपुर की जनता को साफ बता रहे हैं कि उनके क्षेत्र में सरकार तो फेल है ही, आपका विधायक यानी तेजस्वी यादव भी फेल है, नाचने-गाने में लगा हुआ है।

NDA की नजर

राघोपुर से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के भतीजा अरविंद राय यहां पिछले दो साल से सक्रिय हैं। वे लगातार जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं को सुलझा रहे हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान भी अपने 'झोले' के साथ इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की नजर भी राघोपुर पर हैं। यहां से चुनाव लड़ने का संकेत भी देते रहते हैं।

जातीय समीकरण

राघोपुर विधानसभा में लगभग 3.37 लाख मतदाता हैं। सबसे ज्यादा लगभग 95 हज़ार यादव समुदाय हैं। यहां पर दूसरे नंबर पर राजपूत समुदाय के मतदाता हैं। इनकी संख्या लगभग 85 हज़ार मतदाता हैं। वोटर रिवीजन (SIR) के बाद 35 हजार मतदाताओं के नाम काटे गए हैं। ऐसे में एनडीए की यादव वोटों में सेंधमारी की कोशिश, तेज प्रताप का दौरा, जनसुराज की नजर इस सीट को हॉट सीट बना दिया है। इनकी सक्रियता से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी की राह में रोड़ा है।

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