Bihar Assembly Elections 2025 बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए जदयू ने बिहार के सभी 243 सीटों पर अपने प्रभारियों की नियुक्ति कर दिया है। रविवार को प्रदेश अध्यक्ष ने लिस्ट जारी करते हुए पार्टी प्रभारियों को निर्देश दिया कि वे अपने अपने क्षेत्र में ही कैंप करें।
Bihar Assembly Elections 2025 विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार राजनीतिक हलचलें तेज हो गई है। राजनीतिक दलों की सक्रियता भी बढ़ गई है। अक्तूबर में चुनाव होने हैं। यही कारण है राजनीतिक दलों की ओर से मोर्चाबंदी भी शुरू हो गई है। जदयू ने अपनी तैयारी को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए रविवार को बिहार विधानसभा के 243 सीटों के लिए विधानसभा प्रभारी की घोषणा कर दी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की ओर से जारी लिस्ट में हर किसी को उनकी जिम्मेवारी बांट दी गई है। विधानसभा प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में कैंप करें। पार्टी कार्यकर्ता के साथ बैठक कर संगठन की मजबूती के साथ साथ मतदान केन्द्रों तक कैसे पार्टी के कार्यकर्ता और पार्टी के वोटर जाएं इसको लेकर काम करें।
पार्टी की ओर से जारी सूची में अजय कुशवाहा (वाल्मीकिनगर), अनिल कुमार (बगहा), साकेत कुमार (नरकटियागंज), विजय कुमार पांडे (लौरिया), प्रताप पटेल (कल्याणपुर), दीपक सिंह दीपु (रामनगर), बबन कुमार (नौतन), गणेश कुमार सिंह (चनपटिया) जैसे अनुभवी चेहरे को भी शामिल किया गया है।
जदयू लोकसभा चुनाव 2024 में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं की थी। इसको देखते हुए जदयू विधानसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन ठीक करने के लिए संगठनात्मक ढांचे को ठीक करने और पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठित करने के लिए जदयू ने यह कदम उठाया है। 243 सीटों पर प्रभारी नियुक्त कर जेडीयू ने यह संकेत दे दिया है कि वह न केवल चुनाव लड़ने को तैयार है, बल्कि हर विधानसभा क्षेत्र में जनता की नब्ज टटोलने और संगठनात्मक मजबूती के साथ उतरने को तैयार है। यह कदम पार्टी के लिए एक निर्णायक रणनीतिक बढ़त बन सकता है, खासकर तब जब विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही पूरी ताकत से मैदान में उतरने जा रहे हैं।
विधानसभा प्रभारी क्षेत्रीय स्तर पर संगठन को मजबूत करने के साथ साथ स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय स्थापित करेंगे। इनकी बातों को शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाने का काम करेंगे। ये प्रभारी मतदाता सूची, बूथ प्रबंधन, क्षेत्रीय समीकरण, और स्थानीय जनभावनाओं की रिपोर्ट पार्टी को देते हैं, ताकि रणनीति जमीनी स्तर पर सटीक हो।
सीट-स्तर पर माईक्रो मैनेजमेंट: पार्टी के विधानसभा प्रभारी अपने विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की उपस्थिति को मजबूती देंगे। इसके साथ ही चुनाव और उम्मीदवार चयन से पहले पार्टी के जमीन तैयार करेंगे।
प्रभावशाली उम्मीदवारों की पहचान: पार्टी के कौन मजबूत संभावित प्रत्याशी होंगे इसको लेकर भी ये काम करेंगे। जनता के बीच लोकप्रिय नेता को ये पार्टी के सीनियर नेताओं को बतायेंगे। जिससे टिकट वितरण में भी संतुलन बनाया जा सकता है।