पटना

Bihar Assembly Elections 2025: सीमांचल पर पीएम मोदी की सौगातों का कितना पड़ेगा असर, किसका चलेगा जादू

Bihar Assembly Elections 2025  बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सौगातों की बारिश होने लगी है। केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की नीतीश सरकार ने वोटरों को साधने के लिए सरकारी खजाने पूरी तरह से खोल दिए हैं। हर दिन बिहार के वोटरों के लिए सौगातों की बारिश हो रही है।

3 min read
Sep 15, 2025
सत्ता की चाभी सीमांचल के पास

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं. चुनाव तारीखों की घोषणा से पहले बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। केंद्र की मोदी और राज्य की नीतीश सरकार वोटरों को गोलबंद करने के लिए सरकारी खजाना का ताला खोल दिया है। पुराने वादे को पूरा करने में लगी है वहीं नई घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बिहार को एक बड़ी सौगात देने थोड़ी देर में बिहार आने वाले हैं। सोमवार को पीएम मोदी बिहार में चौथे एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही पीएम मोदी बिहार में करीब 40 हजार करोड़ की सौगात देंगे। इसके तहत कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।

ये भी पढ़ें

बिहार में बाढ़ की चर्चा कर तेजस्वी यादव ने एनडीए पर कसा तंज, तेज प्रताप यादव के राघोपुर पहुंचने पढ़िए क्या कहा?

वोटरों की गोलबंदी

PM मोदी के इस दौरे से सीमांचल के विकास को नई रफ्तार मिलेगी। इसके साथ ही राज्य के सत्ता की चाभी रखने वाले सीमांचल के वोटरों को गोलबंद करेंगे। इससे एनडीए भी मजबूत होगी। यही कारण है कि पीएम मोदी के इसे दौरे पर सत्ता पक्ष से ज्यादा विपक्ष की नजर है। तेजस्वी यादव पीएम आने से पहले पूर्णिया में रिपोर्टिंग करते हुए दिखे। अस्पताल का निरीक्षण किया और महिलाओं के साथ जनसंवाद किया।

सीमांचल की 24 सीटें पर नजर

सीमांचल का इलाका राजनीतिक रूप से अतिसंवेदनशील है। यहां कुल 24 विधानसभा सीट हैं। विगत 2020 विधानसभा चुनाव में यहां महागठबन्धन को 10, NDA को 9 और AIMIM 5 सीटें हासिल हुई थी। AIMIM के 5 में चार विधायक बाद में आरजेडी में शामिल हो गए थे। इसके बाद महागठबंधन के विधायकों की संख्या 10 से बढ़कर 14 विधायक हो गई। एनडीए के पास यहां पर 24 में से मात्र नौ विधायक हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में भी सीमांचल की 4 में से 3 सीटों पर NDA को हार का सामना करना पड़ा था। एनडीए ने इसके बाद से इस किला को मजबूत करने में लगी है। यही कारण है कि बिहार में विधानसभा चुनाव प्रचार की शुरूआत अमित शाह ने सीमांचल से ही किया था।

लोकसभा चुनाव में NDA को 3 सीटों पर मिली थी हार

जबकि, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को यहां से शानदार सफलता मिली थी। चार लोकसभा में से तीन पर एनडीए का कब्जा था। लेकिन, वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने एनडीए से कटिहार, पूर्णिया और अररिया छिनकर इन सीटों को अपने नाम कर लिया। विकास योजनाओं से जोड़कर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार यहां पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाह रहे थे।

चुनावी जोर-आजमाइश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU का भी इस इलाके में अपना जनाधार है। पीएम अपनी आज की इस सभा के जरिये NDA अपनी एकजुटता का संदेश के साथ साथ नीतीश कुमार के वोटरों को गोलबंद करने का प्रयास करेंगे। गहन वोटर पुनरीक्षण (SIR) और वक्फ बिल को लेकर सीमांचल के अल्पसंख्यकों में जो उहापोह की स्थिति है। पीएम मौदी अपनी इस सभा के माध्यम से उसे भी दूर करने का प्रयास करेंगे। क्योंकि यहां पर AIMIM ने अपनी पैठ बना लिया है। पिछले विधानसभा चुनाव में AIMIM ने अपनी सियासी ताकत का भी इजहार कर चुका है। इसके साथ ही राहुल गांधी वोटर अधिकार यात्रा के दौरान यहां पर अपने वोटरों को गोलबंद करने का प्रयास किया था। शनिवार को तेजस्वी यादव पूर्णिया में अस्पताल और महिलाओं के साथ संवाद कर अपने वोटरों को गोलबंद करने में लगे हैं।

सौगातों का किसको मिलेगा फायदा ?

विधानसभा चुनाव से पहले PM मोदी का विकास योजनाओं का यह सियासी सौगात सीमांचल के लोगों को कितना गोलबंद करेगा। विकास की सौगात एनडीए का सर्जिकल स्ट्राइक साबित होता है या नहीं। कांग्रेस नेता असित नाथ तिवारी कहते हैं ' सीमांचल की जनता इन चेहरों को बखूबी पहचानती है। चुनाव आया है तो ये विकास योजनाओं का पिटारा खोल रहे हैं। यह सब केवल छलावा है '।

ये भी पढ़ें

पीएम मोदी की एक रैली पर कितना खर्च? तेजस्वी यादव का बड़ा खुलासा, कहा – स्कूलों से शौचालय छीनकर उड़ाया जा रहा पैसा

Also Read
View All

अगली खबर