
तेजस्वी यादव (फोटो सोर्स : IANS)
चुनावी साल में बिहार की सियासत गरमाई हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज पूर्णिया दौरे से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बड़ा और गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की एक रैली पर बिहार जैसे गरीब राज्य पर 100 करोड़ रुपये का भारी वित्तीय बोझ पड़ता है। तेजस्वी ने सवाल उठाया कि इस पैसे से स्कूलों की चारदीवारी, खेल मैदान और लड़कियों के लिए शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का निर्माण हो सकता है, लेकिन इसे रैलियों पर खर्च किया जा रहा है।
तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, “महोदय, आपकी एक रैली से बिहार जैसे गरीब राज्य पर 100 करोड़ का भारी-भरकम वित्तीय बोझ पड़ता है। आप बिहार में कई रैलियां कर चुके हैं। हजारों करोड़ की इतनी बड़ी राशि से स्कूलों की चारदीवारी, खेल मैदान तथा लड़कियों के लिए अलग से शौचालय का निर्माण हो सकता था। स्वास्थ्य केंद्रों में मानव संसाधन और दवा का प्रबंध हो सकता था।”उन्होंने आरोप लगाया कि रैली के लिए प्रशासनिक मशीनरी का उपयोग कर शिक्षकों से पढ़ाई छुड़वाकर उन्हें भीड़ जुटाने में लगा दिया जाता है।
तेजस्वी यादव ने कहा, “शिक्षकों से पढ़ाना छुड़वाकर कंडक्टर बना दिया जाता है। सरकारी कर्मचारियों, जीविका दीदियों, आशा-ममता, शिक्षा मित्र, विकास मित्र और आंगनवाड़ी सेविकाओं को भीड़ जुटाने का मुश्किल टारगेट देकर तनाव दिया जाता है।” तेजस्वी ने यह भी याद दिलाया कि पीएम मोदी ने 11.5 साल पहले पूर्णिया से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था। उन्होंने सवाल किया, “उस वादे का क्या हुआ? क्या आप फिर चुनाव से पहले झूठ और जुमले बेचने आ रहे हैं?”
तेजस्वी यादव ने केंद्र और राज्य की सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह रैली खर्च जनता की मूलभूत जरूरतों से ध्यान भटकाने का तरीका है। “आप 11 वर्षों की केंद्र सरकार और 20 वर्षों की एनडीए सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए जंगलराज का शोर मचाइए, लेकिन बिहार की जनता अब आपके बनावटीपन को पहचान चुकी है। झूठ नहीं चलेगा।”
Published on:
15 Sept 2025 08:39 am
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