Bihar assembly elections बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जयसवाल ने शनिवार को चुनाव आयोग से आगामी विधानसभा का चुनाव एक या दो चरणों में कराने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि बुर्का पहनकर बूथों पर जो महिला मतदान करने आती है उनके चेहरों का मिलान वोटर कार्ड से किया जाए।
Bihar assembly elections बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की टीम दो दिवसीय दौरे पर आज पटना पहुंची है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार दोनों चुनाव आयुक्त के साथ पटना में मान्यता प्राप्त 12 राजनीतिक दलों के साथ बड़ी बैठक की है। बिहार में चुनाव को लेकर चुनाव आयुक्त ने फीडबैक लिया। चुनाव आयोग के सदस्यों के साथ हुई बैठक में बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने दो बड़ी मांग कर दी है।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मतदान में किसी प्रकार की कोई धांधली नहीं हो इसको लेकर मैंने चुनाव आयोग से मांग किया कि बूथों पर बुर्का पहनकर मतदान करने आने वाली महिलाओं के चेहरों का मिलान उनके मतदाता पहचान पत्रों से किया जाए। ताकि बोगस मतदान को रोका जा सके।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल बैठक से निकलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमने एक या दो चरणों में विधानसभा चुनाव की वोटिंग कराने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा कि इससे अधिक फेज में मतदान होने से आयोग का खर्च बढ़ता है। इसलिए चुनाव प्रक्रिया को ज्यादा से ज्याद दो चरणों में खत्म कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मतदान से एक या दो दिन पहले पिछड़ा, अति पिछड़ा एवं दलित समाज के गांवों में पैरा मिलिट्री फोर्स का मार्च करवाने की मांग चुनाव आयोग से किया है। ताकि लोग बिना भय के मतदान करने मतदान केंद्र तक पहुंचे।इसके साथ ही दियारा क्षेत्र में घुड़सवारों की व्यवस्था करने करवाने की मांग किया है। क्योंकि यहां बूथ लुटने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है।
जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू)ने बिहार में एक ही चरण में विधानसभा चुनाव करवाने की मांग किया है। जेडीयू के साथ ही पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी ने भी चुनाव आयोग से बिहार में एक ही चरण में चुनाव कराए जाने की मांग किया है। रालोजपा के प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि एक चरण में संभव ना हो तो अधिकतम दो चरण में बिहार में चुनाव कराया जा सकता है।
बहुजन समाज पार्टी की ओर से चुनाव आयोग से कहा कि बिहार इलेक्शन में उम्मीदवारों पर अपराध के मामले को लेकर 3 अखबारों में प्रकाशन गरीब उम्मीदवारों के लिए बहुत खर्चीला होता है। आयोग को इस मामले में पहल करते हुए खुद ही प्रकाशन की दर तय करना चाहिए। इसके साथ ही बसपा ने चुनाव के दौरान प्रलोभन देने वाली घोषणाएं बंद होनी चाहिए।