बिहार विधानसभा चुनाव: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम का उनके ही विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार को काफी विरोध हुआ। विरोध करने वाले लोद राजेश राम 'मुर्दाबाद' और 'राजेश कुमार राम वापस जाओ' के नारे लगा रहे थे। सूत्रों का कहना है कि यह विरोध महागठबंधन के ही एक सीनियर साथी के इशारे पर हुआ है।
बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचलें तेज हो गई है। संभावित प्रत्याशी और विधायक अपने- अपने क्षेत्रों में कैंप कर रहे हैं। लेकिन, जमीन पर इनको काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। आक्रोशित जनता के साथ साथ इनको अपने लोगों का भी विरोध झेलना पड़ रहा है। जनता पांच सालों के बाद दर्शन देने को लेकर नाराज है। जबकि अपने लोग अपने टिकट को लेकर विरोध कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम का शुक्रवार को उनके क्षेत्र में ही विरोध हुआ। विरोध का वीडियो बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। राजेश राम शुक्रवार की शाम आंबेडकर छात्रावास का शिलान्यास करने पहुंचे थे। लेकिन, उनके वहां पहुंचने से पहले ही बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे हुए थे। राजेश कुमार राम के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही उनका विरोध शुरू हो गया। कहा जा रहा है कि बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और महागठबंधन के एक साथी के इशारे पर यह विरोध हुआ। उनके लोगों ने इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से शेयर किया। शुक्रवार को ही आरजेडी विधायक और पूर्व मंत्री आलोक मेहता का भी वोटरों ने विरोध किया था। उनके विरोध का वीडियो सोशल मीडिया पर भी बड़ी तेजी से वायरल हुआ था।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही वहां पहले से खड़े सैकड़ों लोगों ने 'मुर्दाबाद' और 'राजेश कुमार राम वापस जाओ' के नारे लगाने लगे। भीड़ में मौजूद लोगों का विरोध इतना जोरदार था कि कार्यक्रम में शामिल सुरक्षा बलों को भीड़ को शांत कराने की कोशिश करनी पड़ी, लेकिन भीड़ शांत नहीं हो पाई। हालांकि विरोध के बावजूद विधायक राजेश कुमार राम ने अपना भाषण जारी रखा। इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने कांग्रेस हाईकमान और महागठबंधन के नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है।
कुटुम्बा विधानसभा क्षेत्र से राजेश कुमार राम दूसरी बार विधायक चुने गए थे। 2025 में राजेश राम तीसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। राजेश कुमार राम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। प्रदेश अध्यक्ष का ही उनके ही विधानसभा क्षेत्र में विरोध ने कांग्रेस आला कमान का टेशन बढ़ दिया है। सीटों के बंटवारे से पहले आरजेडी इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे पर अपना दबाव बना सकती है। दरअसल, यह विरोध जनसंपर्क या स्थानीय मुद्दों की अनदेखी से जुड़ा है। यह विरोध आगामी चुनाव तक जारी रहा तो विधायक राजेश कुमार राम के लिए यह बड़ी चुनौती होगी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के विरोध का वीडियो पार्टी हाई कमान तक भेजा गया है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस विरोध पर क्या प्रतिक्रिया देती है?जनता के गुस्से के बाद चुनाव में टिकट कटता है या फिर से उन्हें एक और मौका देगी?