बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग ने मतगणना प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि वोटों की गिनती में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ईवीएम गिनती में किसी भी मिसमैच की स्थिति में सभी VVPAT की गिनती अनिवार्य होगी।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग ने मतगणना की प्रक्रिया में बड़े बदलाव की घोषणा की है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस बार वोटों की गिनती में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई नए नियम लागू किए गए हैं। उनका कहना है कि चुनाव में किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकने के लिए यह बदलाव बेहद जरूरी है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि ईवीएम की गिनती में अगर कोई भी मिसमैच होगा तो संबंधित सभी VVPAT की गिनती अनिवार्य रूप से दुबारा की जाएगी। इसके अलावा, पोस्टल बैलेट की गिनती भी ईवीएम की अंतिम दो राउंड से पहले पूरा करना जरूरी होगा। इसका उद्देश्य मतगणना की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाना है। उन्होंने कहा कि इस बार मतदाताओं को भरोसा दिलाने के लिए हर कदम पर निगरानी होगी।
चुनाव आयोग ने इस बार बिहार के सभी बूथों के लिए कई नए निर्देश दिए हैं। हर बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता ही होंगे, और राज्य में कुल 90 हजार बूथ तैयार किए गए हैं। इसके साथ ही, हर बूथ पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी, ताकि मतदान और मतगणना की पूरी प्रक्रिया जनता के सामने पारदर्शी रहे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि उम्मीदवार बूथ से 100 मीटर के अंदर ही अपना चुनाव चिन्ह लगवा सकते हैं। इस बार मतदाता कार्ड 15 दिन के भीतर वितरित किया जाएगा और वोटर पर्ची में सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे मतदान केंद्र और उम्मीदवार का फोटो स्पष्ट रूप से होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने मॉक पोल की अहमियत को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार अपने पोलिंग एजेंट्स को नामित करें और मॉक पोल के दौरान सभी मतदान संबंधी प्रक्रियाओं की निगरानी करें। साथ ही फॉर्म 17C में कुल वोटों की जांच भी एजेंट्स द्वारा अनिवार्य रूप से की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मॉक पोल और फॉर्म 17C की प्रक्रिया से न केवल मतदान की निष्पक्षता सुनिश्चित होगी, बल्कि मतदाता और उम्मीदवार दोनों ही चुनाव प्रक्रिया के प्रति जागरूक होंगे।
चुनाव आयोग ने बिहार में 90217 बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) की मेहनत की सराहना की। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि देशभर के बाकी बूथ लेवल ऑफिसर्स को बिहार के इस प्रयास से प्रेरणा मिलेगी। SIR प्रक्रिया में BLOs ने मतदाता सूची को पूरी तरह शुद्ध किया और लोकतंत्र की मजबूती में योगदान दिया। उन्होंने कहा, “जैसे वैशाली ने देश को गणतंत्र दिया, वैसे ही बिहार के BLOs ने लोकतंत्र के महापर्व को मजबूत किया है।” यह बिहार चुनाव में पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस अवसर पर ज्ञानेश कुमार ने भोजपुरी और मैथिली में भी मतदाताओं का अभिवादन किया। उन्होंने कहा, "जैसे हम महापर्व छठ को आस्था और उत्सव की तरह मनाते हैं, उसी तरह लोकतंत्र के महापर्व को भी उत्सव के साथ मनाएं। अपना भागीदारी पक्का करें, जिम्मेदारी निभाएं और वोट जरूर करें।" मुख्य चुनाव आयुक्त ने सभी राजनीतिक दलों और मतदाताओं से अपील की कि वे मतदान में सक्रिय भागीदारी निभाएं और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में योगदान दें।
चुनाव आयोग ने पटना में मैराथन बैठक करके चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। अधिकारियों और राजनीतिक दलों के साथ सभी आवश्यक बैठकें की जा चुकी हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की प्रक्रिया 20 नवंबर से पहले पूरी कर ली जाएगी।