Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण से पहले जारी एडीआर और बिहार इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, बड़ी संख्या में उम्मीदवार आपराधिक मामलों में शामिल हैं और लगभग 40 प्रतिशत करोड़पति हैं।
Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान होगा। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और बिहार इलेक्शन वॉच की ताजा विश्लेषण रिपोर्ट बताती है कि इस चुनावी रण में बाहुबल और धनबल का प्रभाव साफ दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 1303 उम्मीदवारों में से एक तिहाई से अधिक के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि करीब 40 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं।
एडीआर रिपोर्ट का सबसे चौंकाने वाली बात आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की संख्या है। पहले चरण में कुल 423 (32%) उम्मीदवारों ने अपने शपथ पत्रों में स्वीकार किया है कि उनके ऊपर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें से भी 354 उम्मीदवार (27%) ऐसे हैं जिन पर हत्या, अपहरण, बलात्कार और महिलाओं पर अत्याचार जैसी गंभीर धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हैं।
33 उम्मीदवारों ने खुद पर हत्या (IPC 302) से संबंधित मामले घोषित किए हैं, जबकि 86 पर हत्या के प्रयास (Attempt to Murder) के आरोप हैं। महिलाओं के विरुद्ध अपराध से संबंधित मामलों में 42 उम्मीदवार नामजद हैं, जिनमें से 2 ने अपने ऊपर बलात्कार से संबंधित मामले घोषित किए हैं।
अपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने के मामले में लगभग हर प्रमुख दल का रिकॉर्ड निराशाजनक रहा है। राजनीतिक दलों की सूची में छोटे वाम दल CPI (M) और CPI 100% आपराधिक रिकॉर्ड के साथ सबसे ऊपर हैं, यानी उनके सभी उम्मीदवारों ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
वहीं, प्रमुख दलों की बात करें तो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सबसे आगे है। RJD के 70 उम्मीदवारों में से 76% (53 प्रत्याशी) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से 60% (42 प्रत्याशी) पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। BJP के 65% (31 प्रत्याशी) और INC (कांग्रेस) के 65% (15 प्रत्याशी) उम्मीदवारों पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। BJP के 56% उम्मीदवारों पर गंभीर मामले हैं। जदयू के 57 उम्मीदवारों में से 39% (22 प्रत्याशी) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
| क्रमांक | पार्टी का नाम | कुल उम्मीदवार | आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार | प्रतिशत (%) | गंभीर आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार | प्रतिशत (%) |
|---|---|---|---|---|---|---|
| 1 | राष्ट्रीय जनता दल (RJD) | 70 | 53 | 76% | 42 | 60% |
| 2 | भारतीय जनता पार्टी (BJP) | 48 | 31 | 65% | 27 | 56% |
| 3 | जनता दल यूनाइटेड (JDU) | 57 | 22 | 39% | 15 | 26% |
| 4 | कांग्रेस (INC) | 23 | 15 | 65% | 12 | 52% |
| 5 | जनसुराज पार्टी | 114 | 50 | 44% | 49 | 43% |
| 6 | बहुजन समाज पार्टी (BSP) | 89 | 18 | 20% | 16 | 18% |
| 7 | आम आदमी पार्टी (AAP) | 44 | 12 | 27% | 9 | 20% |
| 8 | लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) | 13 | 7 | 54% | 5 | 38% |
| 9 | भाकपा (माले) | 14 | 13 | 93% | 9 | 64% |
| 10 | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) | 5 | 5 | 100% | 4 | 80% |
| 11 | भाकपा (मार्क्सवादी) CPI(M) | 3 | 3 | 100% | 3 | 100% |
पहले चरण में बाहुबल के साथ-साथ धनबल का प्रभाव भी स्पष्ट है। पहले चरण में चुनाव लड़ रहे कुल 1303 उम्मीदवारों में से 519 यानि 40 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं। इन उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.26 करोड़ रुपये है। शैक्षिक योग्यता की बात करें तो पहले चरण के 1303 उम्मीदवारों में से 519 (40%) प्रत्याशी 5वीं से 12वीं के बीच है। वहीं 651 उम्मीदवार (50%) स्नातक या उससे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं। इस चरण में उतरे उम्मीदवारों में महिलों की भागीदारी 9 प्रतिशत है।