Bihar Police Encounter: बिहार के सारण में पुलिस ने एक पुलिस मुठभेड़ में दो लोगों के पैर में गोली मारी दी है। घायल लोगों का फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन पर एक डॉक्टर के अपहरण में शामिल होने का आरोप है। इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
Bihar Police Encounter:बिहार के सारण जिले में चर्चित डॉक्टर किडनैपिंग मामले का पुलिस ने बड़ा खुलासा कर दिया है। अपहरण की साजिश के पीछे के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार करने के बाद जब पुलिस आरोपियों से हथियार बरामद कराने पहुंची, तो बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने दो आरोपियों को पैर में गोली मारकर घायल कर दिया। यह बिहार में नई सरकार बनने के बाद पुलिस का पांचवां हाफ एनकाउंटर है।
यह मुठभेड़ गुरुवार देर रात रिवीलगंज थाना क्षेत्र के इनई बगीचा इलाके में हुई। पुलिस टीम पहले से गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर अवैध हथियार बरामद करने पहुंची थी। इसी दौरान बदमाशों ने पुलिस को चकमा देने की कोशिश करते हुए अचानक फायरिंग कर दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दो अपराधियों के पैर में गोली लग गई। घायल बदमाशों को तत्काल छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। पुलिस के मुताबिक, इस मुठभेड़ में कोई भी पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ है।
पुलिस ने घायल बदमाशों की पहचान नगर थाना क्षेत्र के दहियावां निवासी रंजन यादव और धर्मबागी निवासी सोनू राय के रूप में की है। पुलिस के अनुसार, दोनों के खिलाफ पहले से कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं और वे लंबे समय से सक्रिय अपराधियों के संपर्क में थे।
पुलिस जांच में स्पष्ट हुआ है कि घायल दोनों बदमाश वही हैं, जिन्होंने बुधवार रात छपरा के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सजल कुमार के अपहरण की कोशिश की थी। यह घटना उस समय हुई थी जब डॉक्टर अपने अस्पताल से घर लौट रहे थे। बताया गया कि अपराधियों ने डॉक्टर की गाड़ी को रास्ते में रोककर जबरन उन्हें दूसरी गाड़ी में बैठाया, लेकिन भागने के दौरान बदमाशों की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस मौके का फायदा उठाकर डॉ. सजल कुमार अपराधियों की पकड़ से निकलने में सफल रहे, जिससे उनकी जान बच गई।
किडनैपिंग की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों के फोटतेज की जांच की। इसके आधार पर अपराधियों की पहचान की गई और एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया। अब तक इस मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें अपहरण की साजिश रचने वाला मास्टरमाइंड भी शामिल है। पुलिस अन्य फरार आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।
इस पूरे मामले पर सारण के वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष ने बताया कि प्रारंभिक जांच में अपहरण के पीछे व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता की बात सामने आ रही है। एसएसपी के अनुसार, “यह एक सुनियोजित साजिश थी। आरोपी प्रोफेशनल अपराधी हैं, जिन्हें पैसे देकर वारदात को अंजाम दिलवाया गया। मास्टरमाइंड गिरफ्तार हो चुका है और मामले की गहराई से जांच जारी है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अपहरण की साजिश में शामिल अन्य लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि नई सरकार बनने के बाद यह बिहार पुलिस का पांचवां हाफ एनकाउंटर है। इससे पहले 11 दिसंबर को पटना में रंगदारी मांगने वाला अपराधी पुलिस मुठभेड़ में घायल हुआ था। वहीं छपरा में शराब माफिया अजय राय और छपरा के मांझी में ही शिकारी राय का हाफ एनकाउंटर हुआ था। 21 नवंबर को बेगूसराय में कुख्यात शिवदत्त राय पुलिस मुठभेड़ में घायल हुआ था।