Bihar Sarkari Naukri: बिहार सरकार 2026 की पहली तिमाही में 3 लाख से ज्यादा सरकारी पदों पर नियुक्ति करेगी। सबसे ज्यादा रिक्तियां गृह और शिक्षा विभाग में हैं। इसके अलावा अन्य विभागों में भी बहाली होगी।
Bihar Sarkari Naukri: बिहार में सरकारी नौकरियों का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए 2026 की शुरुआत ऐतिहासिक साबित हो सकती है। नीतीश सरकार ने अगले तीन महीनों के भीतर 3 लाख से अधिक रिक्त पदों पर बहाली प्रक्रिया शुरू करने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। इसमें सबसे ज्यादा रिक्तियां गृह विभाग और शिक्षा विभाग की है, जहां हजारों पद खाली पड़े हैं।
बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग को अब तक विभिन्न विभागों से करीब 1.75 लाख रिक्त पदों का ब्योरा मिल चुका है। इन पदों पर नए साल की शुरुआत में ही नियुक्ति एजेंसियों और आयोगों को औपचारिक अनुशंसा भेजी जाएगी। इसके अलावा करीब 1.5 लाख पदों पर बहाली के लिए पहले ही आयोगों को अनुशंसा भेजी जा चुकी है, जिन पर आवेदन और प्रारंभिक परीक्षा की तैयारियां चल रही हैं। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2026 की पहली तिमाही में ही बहाली की प्रक्रिया पूरी तरह रफ्तार पकड़ ले।
इसके अलावा अन्य विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में भी हजारों पद खाली हैं, जिनका अंतिम आकलन 31 दिसंबर 2025 के बाद किया जाएगा।
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों और जिलों को 31 दिसंबर तक अपने-अपने विभागों में खाली पदों की अपडेटेड रिपोर्ट अनिवार्य रूप से जमा करने का निर्देश दिया है। इसके बाद, कुल खाली पदों की अंतिम गिनती की जाएगी, और इस डेटा के आधार पर एक भर्ती कैलेंडर तैयार किया जाएगा। सरकार का मानना है कि पहले चरण में जितनी रिक्तियां सामने आ चुकी हैं, वही अपने आप में रिकॉर्ड हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार ने साफ कर दिया है कि युवाओं को नौकरी और रोजगार देना उसकी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। इसी सोच के तहत सरकार ने अगले पांच वर्षों में एक करोड़ रोजगार और नौकरी देने का लक्ष्य तय किया है, जिस पर अभी से अमल शुरू कर दिया गया है।
सरकार केवल सरकारी नौकरियों तक सीमित नहीं है। स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए कौशल विकास, उद्यमिता और स्वरोजगार योजनाओं को भी तेज किया जा रहा है। इन योजनाओं में प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, मुद्रा योजना, पीएम स्वनिधि योजना और मुख्यमंत्री उद्यमी योजना आदि शामिल हैं। इन कार्यक्रमों के जरिए युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करने पर जोर दिया जा रहा है।