Bihar Weather : बिहार में भीषण गर्मी से परेशान लोगों को राहत मिलने वाली है। मौसम विभाग ने अगले 5 दिनों को लेकर बारिश का अलर्ट जारी किया है।
Bihar Weather: मौसम विभाग के अनुसार बिहार के कई जिलों में आज बारिश होगी। इससे गर्मी और उमस से परेशान इन जिलों को राहत मिलेगी। हालांकि बिहार के कुछ जिलों में अभी गर्मी और उमस से लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग ने गुरुवार को अगले तीन घंटे का मौसम अपडेट जारी करते हुए कहा है कि इन जिलों में मौसम का मिजाज बदल सकता है। हल्की बारिश से लोगों को राहत मिल सकती है। मौसम विभाग ने बिहार में अगले 5 दिनों तक बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही साथ आंधी, बारिश और ठनका गिरने की भी संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार गुरूवार को बिहार के 19 जिलों में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने अररिया, किशनगंज, बांका, भागलपुर, जमुई, किशनगंज को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जबकि पटना समेत दक्षिण बिहार में बादल छाए रह सकते हैं। इन जिलों में 30 किमी की रफ्तार से हवा भी चलने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के अधिकांश हिस्सों में अगले 48 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में 1 से 2 डिग्री की बढ़ोतरी भी हो सकती है।
IMD पटना ने गुरुवार को सुबह-सुबह भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद और गयाजी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। इधर, नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। कोसी बराज के 24 फाटक खोले गए है। बुधवार शाम 6 बजे तक 1.73 लाख 790 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
बिहार में पिछले 24 घंटे में बक्सर और औरंगाबाद में बारिश हुई। जबकि दरभंगा में बादल छाए रहे। लेकिन, गुरूवार की सुबह में उत्तर बिहार के कई जिलों में अचानक से मौसम बदला है। इन जिलों में काले बादल के साथ हल्की बूंदाबांदी भी हुई। बुधवार को पटना, मधेपुरा, नालंदा समेत अन्य जिलों में धूप और उमस भरी गर्मी से लोग परेशान रहे। 38.2 डिग्री तापमान के साथ मोतिहारी सबसे गर्म जिला रहा। जबकि पटना का तापमान 37 डिग्री के आसपास रहा।
बिहार इस साल फिर से मानसून कमजोर रहा है। अब तक सामान्य से 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है। सामान्य तौर पर अभी तक बिहार में 422.6 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक सिर्फ 239.4 मिलीमीटर ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि अगस्त के पहले सप्ताह तक सामान्य या भारी बारिश नहीं होती है तो खरीफ फसलें प्रभावित हो सकती हैं। कम बारिश होने के कारण कई जिलों में धान की रोपनी भी पूरी नहीं हो सकी है। जहां रोपनी हुई भी है।
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