पटना

Bihar Politics: बिहार में बढ़ते क्राइम पर चिराग ने किए चुभते सवाल, तेजस्वी ने कहा फिर क्‍यों बने हैं हनुमान

Bihar Politics बिहार में बढ़ते अपराध पर चिराग पासवान के चुभते सवाल पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। तेजस्वी यादव ने जहां हनुमान की चर्चा कर चिराग पासवान पर तंज कसा है। वहीं जीतन राम मांझी ने लालू-राबड़ी के शासन काल की चर्चा कर पलटवार किया है।

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Jul 27, 2025
तेजस्वी यादव और चिराग पासवान बिहार के युवा चेहरे हैं। (Photo - ANI)

Bihar Politics: बिहार में बढ़ते क्राइम पर चिराग पासवान के चुभते सवाल ने बिहार में राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव ने इसपर पलटवार करते हुए कहा कि फिर हनुमान बने रहने की क्या मजबूरी है। इधर, केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी ने लालू प्रसाद का नाम लेकर कहा है कि चिराग को जंगल राज नहीं देखा है। इसलिए इस प्रकार का सवाल कर रहे हैं।

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दुख है कि ऐसी सरकार का समर्थन कर रहा हूं

दरअसल, शनिवार को लोक जनशक्ति (रामविलास) पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मुझे दुख है कि मैं ऐसी सरकार का समर्थन कर रहा हूं। चिराग पासवान ने आगे कहा था कि बिहार में आपराधिक घटनाओं की एक श्रृंखला बन गई है। प्रशासन अपराधियों के सामने पूरी तरह से नतमस्तक दिख रहा है। प्रशासन पूरी तरह इन घटनाओं को रोकने में नाकामयाब दिख रही है।

हनुमान बने रहने की क्या मजबूरी है

इसपर तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान पर तंज कसते हुए कहा कि वह भी सरकार के ही अंग हैं। बिहार में अपराधी विजय और सम्राट हो चुके हैं। लॉ एंड ऑर्डर का क्रिमिनल डिसऑर्डर हो चुका है। तेजस्वी ने चिराग पासवान पर हमला करते हुए आगे कहा कि चिराग केंद्रीय मंत्री हैं, उनके पांच-पांच एमपी हैं। फिर खुद को कमजोर क्‍यों समझ रहे हैं। हनुमान बने रहने की आखिर क्या मजबूरी है। उन्होंने चिराग पासवान से पूछा कि यह सब कुर्सी से प्‍यार है, या इतने कमजोर हो गए हैं कि सरकार में रहकर भी कुछ नहीं कर सकते हैं?

लालू- राबड़ी का नाम लेकर किया पलटवार

इधर, लालू-राबड़ी शासन काल की चर्चा कर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि चिराग पासवान जंगलराज वाला वह दौर नहीं देखा है। इसलिए कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। उनके पिता राम विलास पासवान ने देखा था। वे रहते तो बताते कि तब और अब में कितना अंतर है। लालू-राबड़ी देवी के शासन काल में कानून व्यवस्था पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए इस जंगलराज बताया था। आज हाईकोर्ट ऐसा कुछ नहीं कहता है। मांझी ने आगे कहा कि 44 सालों से मैं राजनीति में हूं। मैंने देखा है कि कैसे 2005 से पहले बिहार में हर अपराध का समझौत एक-अणे मार्ग में होता था। कहीं भी अपहरण हो, उसका समझौता वहीं होता था। आज एक अणे मार्ग में ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि आज अपराधियों को बचाया नहीं जाता है। पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार करती है। उनको सजा दिलाई जाती है।

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