CM नीतीश कुमार ने पिछले 20 वर्षों में बिहार के विकास और आधारभूत संरचनाओं के क्षेत्र में की गयी उपलब्धियों को गिनाया है। उन्होंने बताया कि बीते 20 वर्षों में क्या क्या कार्य हुए हैं और 2005 की तुलना में अब राज्य का बजट कितना हो गया है।
बिहार के CM नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर राज्य के 20 साल के विकास सफर को साझा किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 से पहले बिहार हर क्षेत्र में पिछड़ा हुआ था, लेकिन अब गंगा पथ, अटल पथ और आधुनिक एक्सप्रेस-वे जैसी परियोजनाओं ने राज्य की छवि को पूरी तरह बदल दिया है। नीतीश ने लिखा कि उनकी सरकार ने दो दशकों में पिछड़ेपन की पहचान को प्रगति की मिसाल में बदल दिया।
सीएम नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में पुराने बिहार की तस्वीर याद दिलाते हुए लिखा, “वर्ष 2005 से पहले बिहार हर क्षेत्र में पिछड़ गया था। विकास कार्य ठप पड़ गए थे, सड़कें टूटी-फूटी थीं और भवनों का रखरखाव तक नहीं होता था। इतनी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत वाला बिहार पूरी दुनिया में उपहास का पात्र बन गया था। उस दौर में लोग अपनी पहचान छिपाते थे, क्योंकि बिहारी कहलाना शर्म की बात समझी जाती थी।” नीतीश ने कहा कि सत्ता संभालने के बाद सरकार ने आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में एक नई शुरुआत की, जिसने बिहार की दिशा और दशा दोनों बदल दी।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि 20 सालों में बिहार में कई विश्वस्तरीय सड़कों और एक्सप्रेस-वे का निर्माण हुआ है। इनमें प्रमुख हैं, जेपी गंगा पथ, अटल पथ, पाटलिपथ, बिहटा-सरमेरा पथ, मीठापुर-महुली पथ, लोहिया पथ चक्र, बख्तियारपुर-रजौली पथ, पटना-गया-डोभी फोर लेन, पटना-मुजफ्फरपुर फोर लेन, पटना-बख्तियारपुर-मोकामा पथ और ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर। इसके अलावा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे, आमस-दरभंगा, पटना-पूर्णिया, गोरखपुर-सिलीगुड़ी और रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे का निर्माण तेज़ी से जारी है।
नीतीश ने लिखा, "इन परियोजनाओं ने न सिर्फ आवागमन को आसान बनाया है बल्कि व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी गति दी है। राज्य की आमदनी और विकास दर दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।"
नीतीश कुमार ने लिखा कि राज्य में केवल सड़कें ही नहीं, बल्कि आधुनिक भवनों का निर्माण भी बिहार की पहचान बदल रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने ज्ञान भवन, बापू सभागार, सभ्यता द्वार, बिहार संग्रहालय, अंजुमन इस्लामिया भवन, हज भवन, पटना समाहरणालय, ओपी शाह भवन, गया का राज्य अतिथि गृह, महाबोधि कन्वेंशन सेंटर, दरभंगा तारामंडल जैसे भवनों का निर्माण कराया। उन्होंने लिखा, "ये भवन सिर्फ संरचनाएं नहीं हैं, बल्कि नए बिहार की तस्वीर हैं, आत्मविश्वास से भरे, आधुनिक और समृद्ध बिहार की।"
मुख्यमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र में राज्य सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि राजगीर, बोधगया, नवादा, मधुबनी और पटना को विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थान दिलाया गया है। राजगीर का घोड़ा कटोरा झील, जू सफारी, ग्लास स्काई वॉक, राजगीर नेचर सफारी, वेणुवन, पांडु पोखर, ककोलत जलप्रपात, बुद्ध स्मृति पार्क और मिथिला हाट जैसी परियोजनाओं को वैश्विक स्तर पर सराहना मिली है। उन्होंने लिखा, “आज बिहार पर्यटन की नई पहचान है। हमारा उद्देश्य है कि राज्य के हर ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल को वैश्विक आकर्षण बनाया जाए।”
नीतीश कुमार ने बताया कि पटना मेट्रो परियोजना, पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, राजगीर खेल विश्वविद्यालय और डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी जैसे प्रोजेक्ट बिहार की आधुनिकता की मिसाल हैं। उन्होंने बताया कि पटना संग्रहालय और बिहार संग्रहालय को भूमिगत टनल से जोड़ने का काम भी अंतिम चरण में है।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि राज्य की हवाई सेवाओं में भी ऐतिहासिक विस्तार हुआ है। पटना में नया आधुनिक टर्मिनल बनाया गया है, जबकि दरभंगा और पूर्णिया एयरपोर्ट शुरू हो चुके हैं। इसके साथ बिहटा, रक्सौल, वीरपुर, वाल्मीकिनगर, मधुबनी, मुंगेर, सहरसा और मुजफ्फरपुर में हवाई अड्डों के निर्माण और विस्तार का कार्य चल रहा है।
नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य का बजट अब 3 लाख 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है, जो 2005 के 24 हजार करोड़ से कई गुना बढ़ोतरी है। उन्होंने कहा, "यह कुशल वित्तीय प्रबंधन और पारदर्शी शासन की वजह से संभव हुआ है। हमलोग जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं। जो काम शुरू किया, उसे मंजिल तक पहुंचाया। आगे भी बिहार के विकास का यही सिलसिला जारी रहेगा।”