लालगंज विधानसभा जेल से आ रहे फोन ने लालगंज विधानसभा सीट के समीकरण को बदल दिया है। बीजेपी नेता इससे परेशान होकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को अपडेट कर इसमें तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
बिहार के वैशाली जिले की लालगंज विधानसभा सीट पर महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधी टक्कर है। लेकिन, बाहुबलियों के इस गढ में जेल से आ रहे फोन से बीजेपी नेता काफी परेशान हैं। उन्होंने बीजेपी नेता और केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय को इसकी सूचना दी है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी नेताओं ने कहा कि जेल से आ रहे फोन चुनाव को प्रभावित कर रहे हैं। इसपर तत्काल नहीं रोक लगा तो चुनाव एकतरफा हो जायेगा।
दरअसल, बिहार के लालगंज विधान सभा सीट पर आरजेडी ने बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को चुनाव मैदान में उतारा दिया। जबकि एनडीए ने लालगंज से अपने मौजूदा अपने बीजेपी विधायक संजय कुमार सिंह पर ही फिर से भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से टिकट दिया है। इसकी वजह से इस सीट पर आमने सामने की टक्कर हो गई है। हालांकि इस सीट को लेकर कांग्रेस और आरजेडी में खूब खींचतान हुई। कांग्रेस ने यहां से आदित्य कुमार राजा को टिकट दे दिया था। लेकिन बाद में महागठबंधन के सीनियर नेताओं के हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस के आदित्य राजा ने अपना नामांकन वापस ले लिया।
लालगंज की पहचान बाहुबल और अपराध से भी जुड़ी रही है। जिनमें सबसे चर्चित नाम है विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला। मुन्ना शुक्ला तीन बार यहां से विधायक रह चुके हैं। वे कुख्यात अपराधी छोटन शुक्ला के छोटे भाई हैं। इनपर तत्कालीन मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा दी थी, लेकिन पटना हाईकोर्ट से वे बरी हो गए और राजनीति में लौटे। इसके बाद 2000 में निर्दलीय, फरवरी 2005 में एलजेपी और अक्टूबर 2005 में जेडीयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते। इसके बाद उनकी पत्नी अन्नू शुक्ला ने 2010 में जेडीयू से जीत दर्ज की। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए मुन्ना शुक्ला को फिर से आजीवन कारावास की सजा सुना दी।
लालगंज विधानसभा ग्रामीण इलाका है। बीजेपी वर्ष 2025 में यहां से अपनी जीत को दोहराने की कोशिश में हैं। जबकि आरजेडी ने बाहुबली की बेटी को मैदान में उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया है। बीजेपी नेता भी स्वीकार कर रहे हैं कि अन्नु शुक्ला की वजह से लड़ाई कड़ी हो गई है। बाहुबल और जातीय समीकरण के साथ-साथ अब विकास भी यहां का अहम चुनावी मुद्दा बन चुका है। 2024 में चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनसार, यहां की जनसंख्या 573916 है, जिसमें 302571 मेल और 271345 फीमेल हैं. वहीं 350651 कुल वोटर हैं, जिसमें से 183303 मेल, 167330 फीमेल और 18 थर्ड जेंडर हैं।