पटना

लक्ष्मण झूला की तर्ज पर बिहार में इस नदी पर बनेगा पहला केबल सस्पेंशन ब्रिज, कैबिनेट से मिली मंजूरी

Suspension Bridge Punpun पटना से सटे पुनपुन नदी के पास लक्ष्मण झुला की तर्ज पर पुनपुन नदी पर पहला केबल सस्पेंशन ब्रिज बनेगा। नीतीश कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है।

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Aug 14, 2025
लक्ष्मण झुला की तर्ज पर बनेगा केबल सस्पेंशन ब्रिज। फोटो- सोशल साइट FB

Suspension Bridge Punpun: नीतीश कैबबिनेट ने बिहार में पुनपुन नदी पर लक्ष्मण झूला की तर्ज पर पहला केबल सस्पेंशन ब्रिज बनाने का फैसला लिया है। यह ब्रिज पुनपुन नदी के पिंडदान स्थल पर बनेगा। लक्ष्मण झूला के तर्ज पर बनने वाले केबल सस्पेंशन पुल के निर्माण के लिए नीतीश कैबिनेट ने 8,299.48 लाख रुपये की स्वीकृति दे दी गई है। पुल की कुल लंबाई 320 मीटर और चौड़ाई 11.50 मीटर होगी, जबकि दोनों ओर के पहुंच पथ की लंबाई 115 मीटर तय की गई है। इस पुल के बन जाने से पैदल यात्रियों के साथ-साथ चार पहिया वाहनों का आवागमन भी संभव होगा, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी।

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मीठापुर फ्लाई ओवर से चिरैयाटांड फ्लाई ओवर जुड़ेगा

इसके अतिरिक्त पटना शहर के व्यस्ततम मार्ग मीठापुर फ्लाई ओवर से चिरैयाटांड फ्लाई ओवर को जोड़ने के लिए 29,274.4 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। इस मार्ग पर अत्यधिक यातायात दबाव को देखते हुए निर्माण कार्य को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में मीठापुर आरओबी रैम्प के दोनों ओर दो लेन एलिवेटेड रोटरी और आर्म-1 (मीठापुर बाईपास की ओर) का निर्माण किया जाएगा। द्वितीय चरण में आर्म-2 (एलिवेटेड रोटरी से चिरैयाटांड फ्लाई ओवर तक) का कार्य किया जाएगा।

पुनपुन क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

इन दोनों परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल पटना शहर में यातायात सुगम होगा बल्कि पुनपुन क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा। पथ निर्माण विभाग का मानना है कि इससे शहर और आसपास के क्षेत्रों की आधारभूत संरचना को मजबूत आधार मिलेगा और विकास की गति तेज होगी। इसके साथ ही बुधवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पटना जिले की 37,573.88 लाख रुपये की महत्त्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है।

जेपी सेनानियों की पेंशन दोगुनी

बिहार कैबिनेट ने जेपी सेनानियों की पेंशन दोगुनी करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। बुधवार को कैबिनेट ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में 18 मार्च 1974 से 21 मार्च 1977 तक चले आंदोलन में मीसा या डीआईआर के तहत जेल में बंद रहे आंदोलनकारियों की पेंशन दोगुनी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जेपी सम्मान योजना के तहत पहले एक माह से छह माह तक जेल में रहे आंदोलनकारियों को 5 हजार रुपये और छह माह से अधिक जेल में रहे आंदोलनकारियों को 10 हजार रुपये मासिक सम्मान पेंशन दिया जाता था। इस अवधि में जेल में मृत या पुलिस फायरिंग में मारे गए आंदोलनकारियों के पति/पत्नी को भी 10,000 रुपये तथा पुलिस फायरिंग में घायल व्यक्तियों को 5,000 रुपये मासिक पेंशन देने का प्रावधान था।

2021 में भी बढ़ाया गया था पेंशन

08.11.2021 को सरकार ने पेंशन बढ़ाकर 7,500 रुपये और 15,000 रुपये किया था। अब कैबिनेट ने एकबार फिर इसे बढाने का निर्णय लिया है और 1 माह से 6 माह तक जेल में रहे आंदोलनकारियों की पेंशन 7,500 रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये और 6 माह से अधिक जेल में रहे आंदोलनकारियों की पेंशन 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये किया गया है। बढ़ी हुई पेंशन 1 अगस्त 2025 से लागू होगी और पेंशनधारियों की मृत्यु पर उनके जीवित पति/पत्नी को भी इसी दर से पेंशन मिलेगी।


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Updated on:
15 Aug 2025 07:35 pm
Published on:
14 Aug 2025 11:22 am
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