बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया आज पूरी हो गई। नामांकन के दौरान दायर हलफनामे के अनुसार पटना से मैदान में उतरने वाले सबसे अमीर प्रत्याशी निर्दलीय उम्मीदवार शिशिर कुमार हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि (शुक्रवार) के बाद उम्मीदवारों के हलफनामों से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस बार के सबसे अमीर प्रत्याशियों की सूची में न तो उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हैं और न ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव। इस बार पटना की राजनीति में एक नया नाम सुर्खियों में है। पटना की मेयर सीता साहू के बेटे शिशिर कुमार, जिनकी संपत्ति ने सबको पीछे छोड़ दिया है।
शिशिर कुमार ने पटना साहिब विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है। उनके हलफनामे के मुताबिक, उनके पास कुल ₹23.36 करोड़ की चल और अचल संपत्ति है। इसमें करोड़ों की जमीनें, बैंक बैलेंस, निवेश और वाहनों की लंबी सूची शामिल है। शिशिर पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य रह चुके हैं, लेकिन इस बार उन्होंने पार्टी से अलग होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। शिशिर कुमार के खिलाफ किसी भी तरह का आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने तारापुर सीट से नामांकन दाखिल किया है। अपने हलफनामे में उन्होंने कुल ₹10.27 करोड़ की संपत्ति घोषित की है, जिसमें चल संपत्ति ₹99.32 लाख और अचल संपत्ति ₹8.28 करोड़ की है। शेष राशि निवेश, कृषि भूमि और आवासीय संपत्तियों में बताई गई है। चौधरी का नाम हालांकि सबसे अमीरों की लिस्ट में नहीं है, लेकिन वे टॉप-5 उम्मीदवारों में जरूर शामिल हैं।
आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जो इस बार भी राघोपुर सीट से चुनाव मैदान में हैं, ने अपने हलफनामे में ₹8.1 करोड़ की संपत्ति का ब्योरा दिया है। जिसमें उनकी चल संपत्ति ₹6.12 करोड़ और अचल संपत्ति ₹1.88 करोड़ बताई गई है। उनकी पत्नी राजश्री यादव के पास भी ₹1.88 करोड़ की संपत्ति है, जिसमें ₹59.69 लाख की अचल संपत्ति शामिल है। तेजस्वी के पास ₹1.5 लाख नकद और उनकी पत्नी के पास ₹1 लाख नकद बताया गया है।
लालू यादव के बड़े बेटे और अब ‘जनशक्ति जनता दल’ के मुखिया तेज प्रताप यादव की संपत्ति कुल ₹2.88 करोड़ बताई गई है। 2020 के चुनाव में उन्होंने ₹2.82 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी।
पार्टी बदलने और सीमित संसाधनों के बावजूद तेज प्रताप यादव ने अपने बयान में कहा, “हमारा मकसद राजनीति से पैसे कमाना नहीं, जनता के मुद्दों को उठाना है।”