बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 3 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसमें कई बड़े फैसलों पर मुहर लगने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव आयोग 6 अक्टूबर के बाद चुनावों की घोषणा कर सकता है और आचार संहिता लगने के बाद नई घोषणाएँ नहीं की जा सकेंगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मौजूदा राज्य कैबिनेट की आखिरी बैठक बुलाने का फैसला किया है। यह बैठक 3 अक्टूबर को दोपहर 3:30 बजे होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दोनों उपमुख्यमंत्री, सभी मंत्री और आला अधिकारी मौजूद रहेंगे। राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण यह बैठक राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है।
राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में माना जा रहा है कि इस बैठक में जन कल्याण और विकास से जुड़े कई बड़े प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में शामिल प्रस्तावों में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, सड़क एवं बुनियादी ढांचा, किसान कल्याण और रोजगार योजनाओं से जुड़े उपाय शामिल हैं।
पिछले कुछ महीनों में नीतीश कुमार कैबिनेट की बैठकों में लिए गए फैसलों पर नज़र डालें तो मानदेय वृद्धि, नए पदों (जैसे शिक्षक और तकनीकी सहायक) के सृजन, महिलाओं के लिए रोज़गार योजनाओं और बुनियादी ढाँचे से जुड़े कई अहम फ़ैसले लिए गए हैं। 3 अक्टूबर की बैठक में भी ऐसे ही जनहित के मुद्दों पर कई बड़े फ़ैसले लिए जाने की संभावना है, जिनका सीधा फ़ायदा राज्य की जनता को होगा। सूत्रों ने बताया कि बैठक में विभिन्न विभागों के वित्तीय प्रस्ताव, नई योजनाओं की स्वीकृति और कुछ विकास परियोजनाओं को मंजूरी मिलने की संभावना है। यह बैठक मौजूदा कार्यकाल की आखिरी बड़ी कैबिनेट बैठक हो सकती है।
यह कैबिनेट बैठक न केवल प्रशासनिक दृष्टि से, बल्कि चुनावी रणनीति के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है। आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार नई योजनाओं की घोषणा नहीं कर सकती। इसलिए, इस बैठक में सरकार अपनी उपलब्धियों को अंतिम रूप दे सकती है और जनता के लिए राहत के उपाय कर सकती है।
बैठक में कई उपायों पर चर्चा और अनुमोदन की उम्मीद है, जिनमें मौजूदा योजनाओं का अधिक लाभार्थियों तक विस्तार करने के प्रस्ताव भी शामिल हैं। सड़क, पुल, जलापूर्ति और बुनियादी ढांचे से संबंधित नई विकास परियोजनाओं को भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। किसान उपज के लिए एक नया सब्सिडी या वित्तीय सहायता पैकेज भी संभव है। कई अन्य क्षेत्रों में अन्य फैसलों को भी मंजूरी मिल सकती है। इन प्रस्तावों के क्रियान्वयन से सरकार को अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने रखने का अवसर मिलेगा।