
सुरेश यादव (फोटो-पत्रिका)
बिहार के गोपालगंज जिले का कुख्यात अपराधी सुरेश यादव, जो पुलिस की "मोस्ट वांटेड" सूची में शामिल था, मंगलवार रात पश्चिम बंगाल के हावड़ा में गोलियों से भून दिया गया। तीन हथियारबंद अपराधियों ने उसे ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया। इस वारदात ने बिहार-बंगाल के अपराध जगत में खलबली मचा दी है।
गोपालगंज जिले के नगर थाना क्षेत्र के कुकुरभुक्का गांव निवासी सुरेश यादव बिहार पुलिस के लिए पिछले कई सालों से बड़ी चुनौती बना हुआ था। उस पर हत्या, रंगदारी, लूट और अपहरण जैसे गंभीर आरोपों से जुड़े 24 से अधिक केस दर्ज थे। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, सुरेश यादव ट्रिपल मर्डर केस और एक चर्चित मुखिया हत्याकांड का भी आरोपी था। कई बार पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन हर बार वह चकमा देकर फरार हो जाता। लंबे समय से वह फरारी की जिंदगी जी रहा था।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि सुरेश यादव ने फरारी के दौरान अपनी पहचान छिपा ली थी और पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के संध्या बाजार इलाके में ठिकाना बना लिया था। बताया जाता है कि वहां वह नए सिरे से अपराध जगत में पैर पसारने की कोशिश कर रहा था। पुलिस को भनक तक नहीं थी कि वह हावड़ा में रह रहा है।
मंगलवार देर रात सुरेश यादव अपने साथियों के साथ संध्या बाजार इलाके में मौजूद था। उसी दौरान बाइक सवार तीन हमलावर अचानक पहुंचे और उसने ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, गोलियों की तड़तड़ाहट इतनी भयानक थी कि पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। हमलावर सुरेश को गोलियों से छलनी करने के बाद मौके से फरार हो गए। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तब तक सुरेश की मौत हो चुकी थी।
हावड़ा पुलिस ने सुरेश यादव की हत्या की पुष्टि करते हुए कहा कि प्राथमिक जांच में यह मामला गैंगवार या पुरानी रंजिश से जुड़ा लग रहा है। वहीं, गोपालगंज पुलिस का मानना है कि सुरेश की हत्या उसके पुराने दुश्मनों ने करवाई हो सकती है। बिहार पुलिस ने भी इस पूरे मामले में बंगाल पुलिस से संपर्क साधा है और सुरेश के नेटवर्क की जानकारी जुटाई जा रही है।
सवाल उठ रहा है कि आखिर सुरेश यादव हावड़ा में क्या कर रहा था? क्या उसने वहां कोई नया गैंग बना लिया था? पुलिस को शक है कि उसने बंगाल और झारखंड के कुछ अपराधियों के साथ मिलकर नया नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश की थी। बिहार से फरार होकर उसने पश्चिम बंगाल को अपनी सुरक्षित पनाहगाह बना लिया था। लेकिन उसी अपराध जगत में पैर जमाने की उसकी कोशिशें ही शायद उसकी मौत की वजह बन गईं।
हावड़ा पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, गोपालगंज पुलिस लगातार हावड़ा पुलिस से संपर्क में है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि हत्या के पीछे कौन-सा गैंग शामिल है और क्या यह हमला पहले से सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। सुरेश यादव की हत्या की खबर सुनते ही गोपालगंज और आसपास के जिलों में चर्चा का माहौल है।
Published on:
01 Oct 2025 12:07 pm
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