Patna Metro: पटना मेट्रो की रेड लाइन पर ट्रेन 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। इस मेट्रो की शुरुआत 29 सितंबर को न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, जीरो माइल और भूतनाथ स्टेशनों के बीच होने की संभावना है।
Patna Metro : बिहारवासियों का सपना जल्द ही साकार होने जा रहा है। पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने घोषणा की है कि शहर की रेड लाइन पर ट्रेन 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ेगी। यह पटना के सार्वजनिक परिवहन में बड़ा बदलाव होगा, जिससे यात्रियों को तेज, सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा। पहली बार इतनी गति से मेट्रो ट्रेन शहर में चलेगी, जो लोगों के लिए राहत लेकर आएगी।
पटना मेट्रो की शुरुआत 29 सितंबर को न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, जीरो माइल और भूतनाथ स्टेशनों के बीच होने की संभावना है। हालांकि शिग्नल सिस्टम पूरी तरह चालू न होने के कारण प्रारंभिक चरण में मेट्रो संचालन वॉकी-टॉकी के जरिए किया जाएगा। यानी ट्रेन के प्रभारी अधिकारी एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर संवाद कर ट्रेन को नियंत्रित करेंगे। इस कारण शुरुआत में यात्रा की गति कुछ कम रहेगी और दूरी तय करने में थोड़ा अधिक समय लगेगा।
मौजूदा व्यवस्था के बावजूद जल्द ही शिग्नल सिस्टम सक्रिय कर दिया जाएगा, जिसके बाद मेट्रो का औसत यात्रा समय 10 से 15 मिनट के बीच सीमित हो जाएगा। इससे शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों से राहत मिलेगी। ट्रैफिक जाम और देर से पहुँचने की समस्या कम होगी और यात्रा में समय की बड़ी बचत होगी।
पटना मेट्रो के कोच सिर्फ एक यात्रा का साधन नहीं होंगे, बल्कि बिहार की कला और संस्कृति को भी दर्शाएंगे। गोलघर, महावीर मंदिर और मधुबनी पेंटिंग जैसे सांस्कृतिक प्रतीकों से सुसज्जित कोच पटना के गौरवशाली इतिहास को यात्रियों के सामने लाएंगे। यह पहल बिहार की पहचान को देशभर में फैलाने में मदद करेगी।
पहला चरण शुरू होने के बाद दिसंबर तक मलाही पकड़ी स्टेशन तक मेट्रो सेवा बढ़ाई जाएगी। यह परियोजना दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के मार्गदर्शन में संचालित हो रही है और इसका उद्देश्य पटना की यातायात व्यवस्था को आधुनिक और प्रभावी बनाना है।
पटना मेट्रो केवल यात्रा को आसान नहीं बनाएगी, बल्कि शहर में प्रदूषण और ट्रैफिक की समस्या को भी कम करेगी। बेहतर यातायात व्यवस्था से शहर में समय की बचत होगी, ईंधन की खपत कम होगी और पर्यावरण को लाभ मिलेगा। साथ ही, मेट्रो पटना की छवि को आधुनिक शहर के रूप में मजबूत करेगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय से अंतिम अनुमति मिलने के बाद मेट्रो की आधिकारिक शुरुआत की तारीख घोषित की जाएगी। यह कदम पटना की विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा और बिहार को आधुनिकता की नई दिशा देगा।