Bihar News: समस्तीपुर में बीजेपी नेता रूपक साहनी की गोली मारकर हत्या के बाद, RJD ने सवाल उठाया कि जब सत्ताधारी पार्टी के नेता ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिक कैसे सुरक्षित रह सकते हैं। जवाब में, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने उठाए गए कदमों का बचाव करते हुए दो संदिग्धों की गिरफ्तारी और SHO के सस्पेंशन का हवाला दिया।
Bihar News: समस्तीपुर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के युवा नेता रूपक साहनी की हत्या से बिहार की राजनीति में काफी हलचल मच गई है। इस सनसनीखेज घटना को लेकर विपक्ष ने नीतीश कुमार सरकार की कानून-व्यवस्था पर तीखी आलोचना की है। वहीं राजद के आरू का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है और पुलिस की तत्परता की तारीफ की है।
यह घटना समस्तीपुर जिले के खानपुर थाना क्षेत्र के शादीपुर गांव में हुई। बुधवार शाम को मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने शादीपुर घाट के पास BJP नेता रूपक साहनी को करीब से गोली मार दी। रूपक साहनी की मौके पर ही मौत हो गई। इस हत्या से इलाके में डर और दहशत का माहौल बन गया है।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस हत्या को लेकर सरकार की आलोचना की है। RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि सत्ताधारी पार्टी के नेता भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने सवाल किया, "जब सरकार अपने ही पार्टी के नेताओं की सुरक्षा नहीं कर सकती, तो आम लोग कैसे सुरक्षित कैसे रह सकते हैं।"
RJD ने आरोप लगाया कि सरकार के सुशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं और अपराधी खुलेआम अपराध कर रहे हैं। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार की जनता अब भगवान के भरोसे ही है।
विपक्ष के हमले के पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने साफ कहा कि सरकार अपराध को लेकर पूरी तरह गंभीर है। उन्होंने बताया कि इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और यह मामला आपसी विवाद का लग रहा है।
सम्राट चौधरी ने कहा, "जहां भी कोई घटना होती है, पुलिस तुरंत कार्रवाई करती है। दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाता है। लापरवाही के लिए खानपुर थाना प्रभारी रंजीत कुमार चौधरी को भी तुरंत सस्पेंड कर दिया गया है।"
हत्या के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया। पुलिस अधीक्षक अरविंद प्रताप सिंह खुद मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। SP के अनुसार, दो आरोपी सोनू और मोनू को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि बाकी संदिग्धों को पकड़ने के लिए तीन विशेष टीमें बनाई गई हैं। पुलिस ने यह भी बताया कि हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार बरामद कर लिए जाएंगे।
मृतक के परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि रूपक साहनी को पिछले आठ महीनों से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं और पुलिस में कई बार लिखित शिकायतें भी दर्ज कराई गई थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
परिवार का दावा है कि रूपक शराब माफिया का विरोध करता था और यही उसकी हत्या का कारण था। वे स्थानीय पुलिस पर शराब व्यापारियों के साथ मिलीभगत का भी आरोप लगा रहे हैं।