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पटना मेट्रो की रफ्तार पर उद्घाटन के 2 महीने बाद ही लगा ब्रेक, प्रायोरिटी कॉरिडोर की सेवा जानें क्यों हुई ठप

Patna Metro: टेक्निकल खराबी के कारण पटना मेट्रो का प्रायोरिटी कॉरिडोर भूतनाथ-जीरो माइल-ISBT रूट पर लगातार दूसरे दिन भी परिचालन बंद रहा। PMRCL ने अप्रत्याशित टेक्निकल दिक्कतों का हवाला देते हुए यात्रियों से धैर्य रखने की अपील की।

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पटना

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Anand Shekhar

Dec 25, 2025

patna metro

patna metro (photo- patrika)

Patna Metro: राजधानी पटना के लोगों को तेज, सुरक्षित और आधुनिक परिवहन का सपना दिखाने वाली पटना मेट्रो की रफ्तार पर उद्घाटन के महज दो महीने बाद ही ब्रेक लग गया है। क्रिसमस के दिन भी यात्रियों को मेट्रो की सवारी नसीब नहीं हुई। तकनीकी खराबी के कारण प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो सेवा लगातार दूसरे दिन पूरी तरह ठप रही, जिससे हजारों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

PMRCL ने पब्लिक नोटिस जारी किया

पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PMRCL) ने एक पब्लिक नोटिस जारी कर बताया कि अप्रत्याशित तकनीकी समस्याओं के कारण, पटना मेट्रो सेवाएं आज (25 दिसंबर) जनता के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगी। कॉर्पोरेशन के अनुसार, टेक्निकल टीम समस्या को ठीक करने में लगी हुई है और स्थिति सामान्य होते ही सेवाएं फिर से शुरू कर दी जाएंगी। यात्रियों से धैर्य बनाए रखने और सहयोग करने का भी आग्रह किया गया है।

76 दिनों के बाद पहली बड़ी तकनीकी खराबी

पटना मेट्रो की प्रायोरिटी कॉरिडोर सेवा का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 6 अक्टूबर को किया था और 7 अक्टूबर से यह आम यात्रियों के लिए शुरू हुई थी। लगभग 76 दिनों तक सुचारू सेवा के बाद, बुधवार को एक तकनीकी खराबी का पता चला, जिससे मेट्रो को अचानक रोकना पड़ा। हैरानी की बात यह है कि खराबी एक दिन में ठीक नहीं हो पाई और गुरुवार को क्रिसमस के दिन भी मेट्रो बंद रही।

कौन से स्टेशन प्रभावित हुए?

फिलहाल, पटना मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर के तहत भूतनाथ, ज़ीरो माइल और ISBT स्टेशनों के बीच चलती है। मेट्रो इन तीनों स्टेशनों के बीच 15 रुपये के फिक्स्ड किराए पर चल रही थी। इस रुकावट के कारण रोजाना ऑफिस जाने वाले, छात्र और अन्य यात्रियों को ट्रांसपोर्ट के दूसरे साधनों पर निर्भर रहना पड़ा है।

तकनीकी खराबी को लेकर सस्पेंस

PMRCL ने तकनीकी खराबी के बारे में कोई विस्तृत जानकारी जारी नहीं की है। अधिकारियों का कहना है कि यह एक अप्रत्याशित तकनीकी समस्या है जिसे प्राथमिकता के आधार पर ठीक किया जा रहा है। हालांकि, मेट्रो जैसे बड़े प्रोजेक्ट में इतनी जल्दी रुकावट ने सिस्टम की तैयारी और रखरखाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सुरक्षा और स्पीड को लेकर किए गए थे बड़े-बड़े दावे

पटना मेट्रो की अधिकतम स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है। स्टेशनों पर डबल-लेयर सिक्योरिटी सिस्टम लगाया गया है, और यात्रियों की सिक्योरिटी चेक उसी तरह होती है जैसे दिल्ली मेट्रो में होती है। इन दावों के बावजूद, टेक्निकल खराबी के कारण हुई रुकावट यात्रियों के लिए निराशाजनक थी।