Rajya Sabha Elections 2026 में होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर एनडीए में खींचतान शुरू हो गई है।
Rajya Sabha Elections: राज्यसभा की पांच सीटों पर अप्रैल 2026 में चुनाव है। एनडीए को पांच में चार सीटें मिलने की संभावना है। 2020 में एनडीए के पास तीन, आरजेडी के पास दो सीटें थीं। 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए के प्रदर्शन के बाद स्थिति बदल गई। इस बढ़ी हुई एक सीट पर लोजपा-रा (LJP-R) के चिराग पासवान और जीतनराम मांझी ने दावा ठोका है। जीतनराम मांझी ने कहा, "सीट नहीं मिली तो एनडीए से अलग हो जाएंगे", इसके बाद से बिहार का सियासी तापमान बढ़ गया है।
एनडीए को विधानसभा चुनाव 2025 में मिली जबरदस्त सफलता के बाद पांच में से चार सीटों पर एनडीए की जीत पक्की मानी जा रही है। पांचवी सीट संयुक्त विपक्ष के खाते में जा सकती है, जो एआइएमआइएम के रुख पर निर्भर करेगा (5 विधायक हैं)।
जदयू के हरिवंश नारायण सिंह, रामनाथ ठाकुर, राजद के प्रेमचंद्र गुप्ता, एडी सिंह और रालोमो के उपेंद्र कुशवाहा का कार्यकाल 9 अप्रैल को समाप्त हो रहा। जदयू ने साफ किया है कि एनडीए के घटक दल बीजेपी की जिम्मेवारी हैं, जदयू अपनी दोनों सीटें नहीं छोड़ेगा।
2026 में राज्यसभा की पांच सीटों पर चुनाव है, चार एनडीए के खाते में जाना तय है। बीजेपी कोटे की दो सीटों पर कई दावेदार हैं। नितिन नवीन अभी विधायक हैं, बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर उनकी दावेदारी स्वभाविक हैं। उपेंद्र कुशवाहा (रालोमो) भी अपनी सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं, बीजेपी ने उन्हें 2024 में राज्यसभा भेजा था। लोजपा (आर) और जीतनराम मांझी भी इस सीट पर अपना दावा ठोंक रहे। 2026 के राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासी जोड़-तोड़ शुरू हो गई है।
राज्यसभा सीट के लिए चुनाव हुआ तो एक सीट पर जीत के लिए 41 विधायकों का वोट चाहिए। एनडीए के 202 विधायकों की वजह से चार सीट पर उसकी जीत पक्की है। विपक्षी महागठबंधन की नजर पांचवी सीट पर है, इसके लिए AIMIM की मदद चाहिए। AIMIM के 5 और बसपा के 1 विधायक का समर्थन मिले तो महागठबंधन का प्रत्याशी राज्यसभा पहुंच सकता है।AIMIM ने मतदान का बहिष्कार किया तो 39 विधायकों के वोट से एक सीट एनडीए के पक्ष में जाएगी, तब एनडीए के पांचों उम्मीदवार जीत सकते हैं।