पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व मंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला। उन्होंने तेजस्वी यादव को मर्यादा में रहने की नसीहत दे दी।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार के भीतर सियासी दरार एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को सीधी नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें मर्यादा में रहना चाहिए और बड़े भाई का सम्मान करना चाहिए।
पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेज प्रताप यादव ने कहा, “तेजस्वी छोटे भाई हैं। उन्हें समझना चाहिए कि कौन राम है और कौन लक्ष्मण। छोटे भाई को मर्यादा का पालन करना चाहिए और बड़े भाई का सम्मान करना चाहिए।” तेज प्रताप के इस बयान से साफ है कि परिवार के भीतर तनाव की लकीरें गहरी हो चुकी हैं।
तेज प्रताप ने आरोप लगाया कि तेजस्वी अपनी समझ से फैसले नहीं ले रहे, बल्कि कुछ लोगों के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “छोटे भाई को अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए। उनके आसपास जयचंद जैसे लोग हैं, जो उन्हें गुमराह कर रहे हैं।”
तेजस्वी यादव ने हाल ही में आरोप लगाया था कि तेज प्रताप कई बार पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा कर देते हैं। इस पर पलटवार करते हुए तेज प्रताप ने कहा, “2020 में क्या हुआ था, यह सबको पता है। जनता सब जानती है। मैं किसी को कमजोर करने के लिए राजनीति नहीं करता।”
तेज प्रताप ने अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल की चुनावी रणनीति पर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि दशहरा के बाद यह साफ करेंगे कि किन-किन सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे। हम गांधीवादी हैं। महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के दिखाए रास्ते पर चलते हैं।
“आई लव मोहम्मद” विवाद पर तेज प्रताप ने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। “मेरे पास कुरान भी है, मैं राम को मानता हूं और मोहम्मद साहब को भी। किसी धर्म का अपमान नहीं होना चाहिए। जो जलते हैं, जलते रहें। मैं जनता से जुड़कर राजनीति करता हूं।”
तेज प्रताप के इस बयान ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या लालू परिवार की अंदरूनी खींचतान तेजस्वी यादव और आरजेडी के लिए चुनावी समीकरण को बिगाड़ सकती है। जहां तेजस्वी खुद को महागठबंधन का चेहरा बनाने की कोशिश में जुटे हैं, वहीं तेज प्रताप अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की दिशा में अलग राह पर चलते नजर आ रहे हैं।