Ramgarh Dam: अतिक्रमण हटाने के लिए जल संसाधन विभाग यूनिवर्सिटी प्रबंधन को गत जून में ही नोटिस थमा चुका है, लेकिन कार्रवाई की बजाय उसे कानूनी प्रक्रिया अपनाने का मौका दे दिया।
जयपुर। रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र पर कब्जा जमाए बैठे रसूखदारों पर प्रभावी कार्रवाई की बजाय अफसर नोटिस देने की खानापूर्ति में ही जुटे हैं। ऐसा ही मामला दिल्ली रोड स्थित निम्स यूनिवर्सिटी का है, जहां अतिक्रमण से बारिश के पानी के प्राकृतिक बहाव को ही बाधित कर दिया गया है।
अतिक्रमण हटाने के लिए जल संसाधन विभाग यूनिवर्सिटी प्रबंधन को गत जून में ही नोटिस थमा चुका है, लेकिन कार्रवाई की बजाय उसे कानूनी प्रक्रिया अपनाने का मौका दे दिया। इनके अलावा जिला प्रशासन, राजस्व विभाग, जयपुर विकास प्राधिकरण और प्रदूषण नियंत्रण मंडल भी आंखें मूंद अतिक्रमियों को बचाने में जुटे हैं।
ये सरकारी एजेंसियां भी एक्शन लेने की बजाय जल संसाधन विभाग पर जिम्मेदारी टाल रही हैं। यहां तक कि हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी के निर्देशों को भी ठेंगा दिखा दिया गया। दूसरी तरफ रामगढ़ बांध को भरने के लिए ड्रोन उड़ाए जा रहे हैं, जिससे कृत्रिम बारिश कराई जा सके।
दरअसल, एक समय था जब जयपुर के लिए रामगढ़ बांध मायने रखता था। इस बांध पर कई तरह के राष्ट्रीय आयोजन तक हो चुके हैं। लंबे समय तक लोगों की प्यास बुझाने वाला रामगढ़ बांध अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। सरकार बांध को छलकाने के लिए कृत्रिम बारिश कराना चाह रही है। दूसरी तरफ बहाव क्षेत्र पर हुए अवैध कब्जे पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा। जो बांध भरने के प्राकृत्रिक स्रोत हैं।
जिन भी अतिक्रमियों को नोटिस दिए गए हैं, उन पर एक्शन होना ही है। बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण नहीं हटाया गया है तो उसकी जांच की जाएगी कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। -सुरेश सिंह रावत, जल संसाधन मंत्री