Patrika Special News

क्या मंच से PM Modi को दी गाली कांग्रेस को पड़ सकती है भारी, जानिए कब-कब एक बयान ने पलटा सियासी रुख?

दरभंगा में कांग्रेस-राजद के मंच से पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी की गई। इसके बाद देश में सियासी तापमान चढ़ गया है। इतिहास में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां एक बयान ने सियासी हवा का रुख मोड़ दिया है। पढ़िए पूरी खबर...

3 min read
Aug 29, 2025
एक बयान ने पलटी सियासी हवा (फोटो-IANS)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को दरभंगा में राजद और कांग्रेस की संयुक्त रैली में अपशब्द कहा गया। उन्हें दरभंगा के सिहंवारा प्रखंड में कांग्रेस नेता के मंच से मां की गाली दी गई। गालीकांड पर बिहार में सियासी संग्राम छिड़ गया है। पटना में कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर मारपीट हुई है। इसमें कई लोग घायल हुए हैं। पुलिस को स्थिति काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा है।

इधर, बिहार पुलिस ने गाली देने वाले आरोपी शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान दरभंगा निवासी मोहम्मद रिजवी ऊर्फ राजा के रूप में हुई। यह मंच कांग्रेस नेता मोहम्मद नौशाद की ओर से तैयार किया गया था। उन्होंने एक दिन पहले ही माफी मांगी थी। नौशाद ने कहा कि घटना के समय वह मंच पर मौजूद नहीं थे। वह राहुल गांधी के पीछे-पीछे मुजफ्फरपुर चले गए थे।

ये भी पढ़ें

पूर्व RBI गवर्नर उर्जित पटेल बने IMF के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, इन्हीं के समय में हुई थी नोटबंदी

बीजेपी अब इस मुद्दे को सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक भुनाने में जुटी हुई है। दरअसल, बिहार में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार सूबे में खोई हुई पार्टी की जमीन को तलाशने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस की इस यात्रा को अन्य विरोधी दलों का भी साथ मिल रहा है। पर कांग्रेस के मंच से दिया गया यह विवादित बयान सियासी रुख बदल सकता है। इतिहास में इसके कई उदाहरण देखने को मिलते हैं।

2015 के चुनाव में PM मोदी ने कहा DNA खराब, बदल गई हवा

साल 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी व NDA गठबंधन को 30 सीटें आईं। बीजेपी केंद्र में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में आई। पीएम मोदी प्रधानमंत्री बने। इसके ठीक एक साल बाद बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहा था। बीजेपी, बीते साल हुए लोकसभा चुनाव के आकंड़े को देखकर आश्वस्त थी कि पुराने सहयोगी जदयू व नीतीश छोड़कर जाने के बावजूद वह सरकार बना लेगी।

साल 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने मुजफ्फरपुर की रैली में सीएम नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके DNA में कुछ खराबी है। पीएम मोदी के इस बयान को विरोधी दलों (जदयू-राजद) ने हाथोंहाथ लपका और इसे बिहारी अस्मिता से जोड़ दिया। महागठबंधन ने इस बयान को खूब भुनाया। अंत में, महागठबंधन ने 178 सीटों के साथ जीत हासिल की, जबकि एनडीए को 58 सीटों से संतोष करना पड़ा।

2007 में सोनिया गांधी के 'मौत का सौदागर' बयान ने पलट दिया पासा

साल 2007 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नवसारी में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को लेकर कहा, 'गुजरात को चलाने वाले लोग मौत का सौदागर' हैं। उनका यह बयान 2002 के गुजरात दंगे पर था। यहां बीजेपी ने सोनिया गांधी के बयान को गुजराती अस्मिता के अपमान से जोड़ दिया। इस विवाद ने गुजरात की सियासी हवा बदल दी और बीजेपी ने इसे भुनाने हुए 117 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 59 सीटों से संतोष करना पड़ा।

अखिलेश का दो घोड़े वाला बयान, सपा की सत्ता से विदाई

साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा के नेता अखिलेश यादव ने एक रैली में बीजेपी पर तंज कसते हुए गुजरात के दो घोड़े का जिक्र किया। उनके निशाने पर पीएम मोदी औत तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह थे। अखिलेश ने कहा था कि ये 'दो घोड़े' यूपी की जनता को गुमराह कर रहे हैं। इस बयान ने सियासी माहौल को गरमा दिया। बीजेपी ने इसे व्यक्तिगत हमला बताकर पलटवार, जबकि अखिलेश ने इसे विकास के मुद्दे से जोड़ा था। इस चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने 325 सीटों के साथ प्रचंड जीत हासिल की। सपा महज 47 सीटों पर सिमट गई।

मणिशंकर अय्यर के बयान के बाद पलट गया पासा

साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को 'नीच किस्म का आदमी' बताया। अय्यर की इस टिप्पणी ने कांग्रेस को 2017 के चुनाव में बड़ा डेंट पहुंचाया। बीजेपी ने एक बार फिर इसे गुजरात की अस्मिता पर हमला बताकर प्रचार किया। पीएम मोदी ने पलटवार करते हुए कहा कि वे मुझे नीच कह सकते हैं, मैं गरीबों, दलितों और पिछड़ों के लिए काम करता रहूंगा। कांग्रेस ने तुरंत डैमेज कंट्रोल करते हुए अय्यर को पार्टी से निलंबित कर दिया और राहुल गांधी ने माफी की मांग की। अय्यर ने माफी मांगी, लेकिन तब तक बयान अपना काम कर चुकी थी। नतीजतन, बीजेपी ने 99 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस 77 सीटों पर सिमट गई। दो दशक बाद कांग्रेस इस बयान के चलते गुजरात की सत्ता में आते-आते रह गई।

Updated on:
29 Aug 2025 01:57 pm
Published on:
29 Aug 2025 01:53 pm
Also Read
View All

अगली खबर