Cow Cuddling Therapy: दूध के दाम गिरने से परेशान अमेरिका-ब्रिटेन के किसान अब लोगों से गाय-बछड़ों को गले लगवा कर हजारों कमा रहे हैं।
Cow Cuddling Therapy: दुनिया भर में दूध के दाम गिर रहे हैं, लेकिन कुछ स्मार्ट किसान रो नहीं रहे हैं,बल्कि उन्होंने एक नया तरीका निकाला है और वह है गायों को “स्पा ट्रीटमेंट” (Cow Cuddling Therapy) देना। यह बहुत रोचक है, लोग आते हैं, शास्त्रीय संगीत के बीच बछड़ों को गले लगाते (Cow Hugging Business) हैं, उनके सीने पर कान रख कर धीमी धड़कन सुनते हैं और तनाव भूल जाते हैं। 30 मिनट की ये रोमांचक थैरेपी 1000-1500 रुपये तक की पड़ती है। सुनने में बहुत अजीब लगता है? लेकिन ये बिजनेस (Dairy Farm Side Income) अब अमेरिका, ब्रिटेन और नीदरलैंड्स में धूम मचा रहा है।
अमेरिका के मिनेसोटा में शेरबर परिवार की तीन पीढ़ियां दूध बेच कर गुजारा करती थीं। लेकिन 2024-25 में दूध के दाम इतने ज्यादा गिर गए कि घाटा होने लगा। फिर पोते-पोती क्विन्सी और कालेब ने एक आइडिया लगाया – क्यों न बछड़ों को लोगों से मिलवाया जाए? बस शुरू हो गया ‘काऊ कडलिंग’। अब उनके फार्म पर तीन बछड़े – माउई, माये और मैंडरिन – स्टार बन गए हैं। लोग इसके लिए मार्च 2026 तक की बुकिंग करवा रहे हैं!
इंग्लैंड में फियोना विल्सन की कहानी और भी दर्द भरी है। पापा के गुजरने के बाद फार्म बंद होने की कगार पर था। 95 गायें बेच दीं, लेकिन 5 प्यारी गायें रखीं – क्लाउड, क्रोकस, केरी, सॉफ्ट फेस और स्नोफ्लेक। एक साल की ट्रेनिंग के बाद ये गायें अब लोगों के गोद में सिर रख कर सो जाती हैं। अब फियोना दूध नहीं बेचतीं, 4 घंटे का पूरा पैकेज बेचती हैं – काऊ हगिंग + फार्म टूर = 15,000 रुपये! ग्राहक कहते हैं, “हमारी जिंदगी का बेहतरीन दिन!”
डंबल फ़ार्म में एक मेहमान युवती गाय से लिपटी हुई। (फोटो: द वॉशिंगटन पोस्ट)
शास्त्रीय संगीत चलता है।
आप उसे सहलाते हो, गले लगाते हो।
बछड़े या ट्रेन की हुई गाय आपके पास आती है।
कुछ लोग तो किताब पढ़ते हैं या उसकी ठोड़ी के नीचे खुजली मिटाते हैं।
एक ग्राहक ने कहा, “लगता है 1000 किलो का गर्म तकिया मेरे ऊपर सो रहा है!”
कोरोना के समय लोग अकेलापन महसूस कर रहे थे। उस वक्त नीदरलैंड्स में काऊ कडलिंग शुरू हुई थी। आज डॉक्टर भी सलाह देते हैं – डिप्रैशन, एंग्जाइटी और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज इसे ट्राई करें। रिसर्च कहती है कि गाय के साथ 15-20 मिनट बिताने से ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन बढ़ता है।
भारत में गौशालाएं तो हैं, लेकिन अभी तक किसी ने कॉमर्शियल तरीके से यह नहीं शुरू किया। गोवा, केरल, कूर्ग और ऊटी जैसे हिल स्टेशन में देसी गाय-भैंस के साथ यह बिजनेस चल सकता है। विदेशी टूरिस्ट तो पागल हो जाएंगे!
(वॉशिंग्टन पोस्ट का यह आलेख पत्रिका.कॉम पर दोनों समूहों के बीच विशेष अनुबंध के तहत पोस्ट किया गया है।)