राजस्थान में फिल्म थ्री इडियट्स में अभिनेता आर. माधवन के किरदार फरहान कुरैशी जैसी दिलचस्प कहानी सामने आई है।
फिल्म थ्री इडियट्स में अभिनेता आर. माधवन के किरदार फरहान कुरैशी जैसी कहानी राजस्थान में रीयल लाइफ में सामने आई है। यह दिलचस्प कहानी सीकर जिले के चौमूं पुरोहितान गांव के निर्मल वर्मा की है। निर्मल वर्मा ने पहले अपने वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर बनने के सपने को पिता की डॉक्टर बनाने की इच्छा के चलते दबाकर रखा और जब अवसर मिला तो भावों से निकले आंसुओं से पिघले पिता को मनाकर अपने ख्वाब को पूरा कर लिया।
निर्मल को हाल ही में अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'कीपर ऑफ द लास्ट हर्ड' के लिए फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया व पीपल फॉर एनिमल्स के पहले 'राष्ट्रीय सिनेकाइंड अवॉर्ड' से नवाजा गया। फिल्मी हस्तियों की मौजूदगी में कोलकाता में आयोजित समारोह के लिए खुद मेनका गांधी ने उन्हें फोन कर इसके लिए आमंत्रण दिया था।
पिता की चाह पर चिकित्सक बनने के लिए निर्मल वर्मा ने 2020 में नीट की तैयारी शुरू की। साथ ही पैरा मेडिकल कोर्स भी शुरू किया। पर मन में वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर बनने का ही ख्वाब था। जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने भोपाल की ग्रीन हब संस्था में फिल्म निर्माण कोर्स के लिए गुपचुप आवेदन कर दिया।
जहां सात स्तर के साक्षात्कार के बाद जब उनका चयन हुआ तो एक बारगी तो वह पिता को मनाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। आखिरकार अंतिम अवसर भी हाथ से निकलता देख वे शिक्षक पिता बीरबल राम के सामने पहुंचे। बकौल निर्मल पिता को देखते ही उनकी आंखों में आंसू आ गए और शब्द लड़खड़ाने लगे। ये देख पिघले पिता व मां ने उन्हें अंत में कोर्स की अनुमति दे दी।
2022 में भोपाल में एक साल का कोर्स करने के बाद निर्मल ने पहली फिल्म राजस्थान में चंदलाई : द स्ट्रगल ऑफ कंजर्वेशनिस्ट बनाई, जिसे देश-विदेश में काफी सराहा गया। लंदन में आयोजित फिल्म फेस्टिवल में ये फिल्म दूसरे स्थान पर रही। इसके बाद उन्होंने जोधपुर में काले हिरन पर 'कीपर ऑफ द लास्ट हर्ड' बनाई, जिसे फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया और पीपल फॉर एनिमल्स के पहले राष्ट्रीय 'सिनेकाइंड अवॉर्ड' के लिए चुना गया।
निर्मल ने पत्रिका डिजिटल से बातचीत में कहा कि अब वे राजस्थान की अधिक से अधिक कहानियों को बड़े पर्दे तक पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान में रणथंभौर के अलावा भी वाइल्ड लाइफ से जुड़ी कहानियों को वे नेट जियो, डिस्कवरी, एनिमल प्लैनेट तक ले जाना चाहते हैं। ताकि राजस्थान को नई पहचान मिलने के साथ ही पर्यटकों का भी यहां के लिए आकर्षण बढ़े।
निर्मल ने बताया कि जयपुर एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। लोगों से इतना स्नेह और अपनापन मिलेगा, इसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। निर्मल ने कहा कि वे अब लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए कुछ नया और सार्थक करना चाहते हैं, ताकि राजस्थान को वाइल्डलाइफ के क्षेत्र में एक नई और मजबूत पहचान मिल सके।
नेशनल अवॉर्ड के लिए नामित निर्मल को लेकर सीकर जिला प्रशासन पर सवाल उठाने वाली एक विडंबना भी सामने आई है। दरअसल, चंदलाई लेक पर आधारित पहली फिल्म की सफलता के बाद निर्मल ने 2 साल पहले स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित होने वाले जिला स्तरीय सम्मान समारोह के लिए भी आवेदन किया था, लेकिन प्रशासन ने उनकी प्रतिभा व उपलब्धि का कोई मोल नहीं समझा। अब वही निर्मल राष्ट्रीय स्तर पर सीकर जिले का नाम रोशन कर रहे हैं।
(इनपुट सचिन माथुर)