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जैश ए मोहम्मद ने भारत को दिए 6 बड़े जख्म, 6 दिसंबर को थी देश को दहलाने की प्लानिंग

Delhi Blast: जैश ए मोहम्मद ने भारत को अब तक 6 बड़े जख्म दिए हैं। भारतीय संसद पर हमला, जम्मू कश्मीर विधानसभा पर हमला, उरी अटैक और अब दिल्ली बम ब्लास्ट। जानिए, 6 दिसंबर को क्यों चुनी थी बड़े हमले की प्लानिंग...

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Nov 15, 2025
जैश ए मोहम्मद ने भारत में किए बड़े हमले (फाइल फोटो)

Delhi Blast: 10 नवंबर 2025 की शाम 6.52 बजे दिल्ली 14 साल बाद धमाके से दहल उठी। सफेद रंग की हुंडई कार में जोरदार धमाका हुआ। इस ब्लास्ट में 13 लोग मारे गए और 20 से अधिक घायल हो गए। इस फिदायीन धमाके को डॉ. उमर ने अंजाम दिया था। धमाके के तार फरीदाबाद के व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल से जुड़े। जिसके पीछे जम्मू-कश्मीर की पुलिस काफी दिनों से पड़ी हुई थी।

इस मॉड्यूल के अब तक 8 आतंकी गिरफ्तार हो चुके हैं। जांच में पता चला कि इस टेरर मॉड्यूल का कानेक्शन जैश ए मोहम्मद से है। जैश से जुड़े आतंकी 6 दिसंबर को देश के अलग-अलग हिस्सों में हमलों को अंजाम देने की प्लानिंग में थे। उनके निशाने पर अयोध्या, बनारस, दिल्ली जैसे शहर थे, लेकिन आतंकी मोहम्मद मुजम्मिल की गिफ्तारी और उसके ठिकानों पर छापे से मिले 2900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट ने आतंकी मंसूबो पर पानी फेर दिया था। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि मुजम्मिल और अपने साथियों की गिरफ्तारी के कारण हड़बड़ाहट में आकर उमर ने लाल किले के पास घटना को अंजाम दिया।

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हमले की तारीख 6 दिसंबर क्यों चुनी थी

व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल ने 6 दिसंबर को हमले की तारीख चुनी थी। इसका कनेक्शन बाबरी विध्वंस से जुड़ा है। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कार सेवकों ने बाबरी मस्जिद को गिराया था। तब बाबरी मस्जिद और राम मंदिर को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के अपने अपने दावे थे। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस विवादित जमीन की सुनवाई करते हुए हिंदू पक्ष के हित में फैसला सुनाया। 22 जनवरी 2024 को यहां राम मंदिर का निर्माण हुआ। इसलिए जैश 6 दिसंबर को हमला कर बाबरी मस्जिद का बदला लेना चाहता था।

बाबरी मस्जिद (फोटो-X @anasinbox)

साल 1994 में भारत आया था मसूद अजहर

जैश का सरगना मसूद अजहर जब 1994 में भारत आया था, तब वह अयोध्या भी गया था। इसके साथ ही नाम छिपाकर देवबंद स्थित दारुल उलम में भी रुका था। मसूद को उसी साल जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 24 दिसंबर, 1999 को अजहर और उसके दो साथियों उमर शेख एवं अहमद जरगर को तत्कालीन अटल सरकार ने IC-814 विमान के अपहरण के बाद यात्रियों की सकुशल रिहाई के बदले छोड़ा था। इसके बाद से मसूद ने अब तक भारत को 6 बड़े जख्म दिए हैं।

भारत को दिए 6 बड़े जख्म

जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला, श्रीनगर (1 अक्टूबर 2001): जैश के आतंकियों ने विधानसभा पर सुसाइड बॉम्बिंग हमला किया। इसमें एक विस्फोटक से लदी टाटा सूमो कार को मुख्य द्वार पर टकराया गया, और तीन फिदायीन हमलावरों ने गोलीबारी की। 38 लोग मारे गए। इस हमले का हैंडलर था, JeM का कमांडर-इन-चीफ गाजी बाबा। जिसे साल 2003 में सुरक्षा बलों ने श्रीनगर के नूर बाग इलाके में मार गिराया।

भारतीय संसद पर हमला, नई दिल्ली (13 दिसंबर 2001): सफेद अंबेसडर कार में हथियारबंद 5 आतंकवादी तत्कालीन उप-राष्ट्रपति (कृष्ण कांत) के काफिले के पीछे-पीछे संसद परिसर में घुसे और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में सभी 5 आतंकवादी मारे गए, जबकि 9 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। इस हमले को भी मसूद अजहर और गाजी बाबा ने प्लान किया था।

पठानकोट एयरबेस हमला, पंजाब (2 जनवरी 2016): जैश के 6 फिदायीन आतंकवादी ने घटना को अंजाम दिया। इस हमले में 7 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 37 घायल हो गए। इस हमले का हैंडलर शाहिद लतीफ था। जिसे पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने साल 2023 में गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।

उरी आर्मी कैंप हमला, जम्मू-कश्मीर (18 सितंबर 2016): एक ही रात में 19 भारतीय जवान शहीद हो गए। 4 फिदायीन आतंकियों ने सेना की 12 इन्फैंट्री ब्रिगेड के रियर एडमिनिस्ट्रेटिव बेस पर हमला किया था। इस हमले का मास्टर माइंड मसूद का भाई रऊफ असगर, काशिफ जान और शाहिद लतीफ था।

पुलवामा सुसाइड बॉम्बिंग, जम्मू-कश्मीर (14 फरवरी 2019): जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर जैश से जुड़े आतंकी आदिल अहमद डार ने RDX से भरी कार को CRPF के बस से टकरा दिया। इस हमले में 40 जवानों की मौत हो गई। इस हमले के मास्टर माइंड में मुदस्सिर अहमद खान, कमरान अली को सुरक्षाबलों ने मार गिराया और शाकिर बशीर को गिरफ्तार किया।

ऑपरेशन सिंदूर में बाल बाल बच गया था मसूद

ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के मुख्यालय जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह (मरकज सुभान अल्लाह) पर प्रिसिजन मिसाइल से हमला किया। यह जैश का सबसे बड़ा हेडक्वार्टर था, जहां मसूद अजहर का परिवार रहता था। भारतीय हमले में मसूद के परिवार और करीबी समेत 14 लोग मारे गए। हमले के समय वह घर पर नहीं था, इसलिए बच गया।

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