MP news Bhopal Metro: कल्पनाओं से लेकर हकीकत बनने तक भोपाल मेट्रो का 16 साल का सफर, नवाबी नफासत के शहर भोपाल की सूरत बदलने जा रही है... ऑरेंज लाइन मेट्रो... आप भी जरूर पढ़ें संजना कुमार की लेखनी से Bhopal Metro की कहानी...
MP News Bhopal Metro: मैं हूं Bhopal Metro… कभी एक कल्पना में थी, फिर कागजों पर और अब हकीकत में नवाबी शहर भोपाल की धड़कन बनने जा रही हूं। 16 साल से सवालों में हूं… कब आएगी? कब दौड़ेगी? कब चलेगी भोपाल मेट्रो…!
महीनों की खुदाई, मशीनों की गर्जन और भोपाली नफासत लिए सौंधी खुशबू वाली मिट्टी के बीच मेरी पटरियां आईं, फिर मेरा अस्तित्व… कई बार घोषणा हुई आज से दौड़ेगी, तारीख आई और आकर चली गई… फिर नई तारीख, फिर टल गया रन, कई बार एलान हुए फिर टले.. और अब एक बार फिर 21 दिसंबर 2025 का दिन मुकर्रर किया गया है…सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वे 21 दिसंबर 2025 रविवार के दिन भोपाल को मेट्रो की सौगात देंगे। सबकुछ सीएम की इस घोषणा के मुताबिक रहा तो महज 10 दिन और हैं…11वें दिन मैं भोपालवासियों के लिए आसान सफर की कहानी शुरू कर दूंगी। 16 साल के मेरे सफर की कहानी आसान नहीं है… इस बीच कई रुकावटें आई काम रुका, लेकिन अब ये बाधाएं और रुकावटें पीछे छोड़ते हुए आखिरकार मैं शहर के विकास की नई कहानी लिखने को तैयार हूं… क्या आप नहीं जानना चाहेंगे मेरे संघर्षों के किस्से और 21 दिसंबर 2025 की नई कहानी का आगाज…?
2009… जब राजधानी के तेजी से बढ़ते ट्रैफिक और पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर बढ़ते दबाव को देखते हुए मेट्रो की अवधारणा कल्पनाओं में आई। लोगों ने भी सोचना शुरू किया…क्या भोपाल कभी मेट्रो देखेगा? उस समय मेरे लिए रूट खोजे गए, प्लान बने और मैं धीरे-धीरे फाइलों से बाहर निकलकर शहर की उम्मीदों में जगह बनाने लगी।
2016… जब पहली बार मेरी DPR बनी। केंद्र सरकार ने मंजूरी दी…मुझे पहली बार अहसास हुआ शायद मैं सच में इस शहर की आब-ओ-हवा, खूबसूरती और रफ्तार का हिस्सा बन जाऊं। दो लाइनें तय की गईं…ऑरेंज और ब्लू। मेरी कीमत, मेरी पटरियां, मेरे स्टेशन…सबका नक्शा तैयार था।
जनवरी 2019…पहली बार मेरे पिलर खड़े हुए। एम्स से सुभाषनगर तक मेरा 6.2 किलोमीटर का पहला रास्ता बनना शुरू हुआ। हर उठता पिलर मुझे मेरे सपने के करीब ले जाता रहा।
कोविड ने सब रोक दिया। मजदूर कम थे, सप्लाई तक रुक गई, शहर की सांसें बदल गईं। तब इंतजार करने के सिवा मेरे पास और कोई काम नहीं था। हां…मेरी रफ्तार रुक जरूर गई, लेकिन थमी नहीं। 2022 तक मेरी हड्डियां यानी मेरे मजबूत पिलर, वायाडक्ट और स्टेशन लगभग तैयार खड़े थे।
अक्टूबर 2023… वो दिन जब मैं पहली बार पटरियों पर दौड़ी, कभी धीरे, कभी संभलते हुए, लेकिन बढ़ती रफ्तार की दिशा में ही दौड़ी।
फिर 2024 में… मेरी ब्रेकिंग, मेरे दरवाजे, मेरा सिग्नल सबकी परीक्षा हुई। RDSO ने मुझे परखा और मैंने हर टेस्ट को भरोसे से पार किया। हां, मेरी लॉन्च डेट आगे बढ़ी…पर भरोसा कभी कम नहीं हुआ…आपका, न मेरा।
12-15 नवंबर 2025- CMRS टीम आई, मुझे हर कोण से परखा गया। स्टेशन-दर-स्टेशन, हर पिलर, हर ट्रैक का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान मैं उनसे कहती रही- 'देखिए, मैं तैयार हूं… मुझे बस चलने की इजाजत दे दीजिए।' और फिर… उन्होंने कहा- 'ओके टू रन।' यानी भोपाल मेट्रो को कमर्शियल रन की अंतिम मंजूरी मिल गई। तब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तारीख घोषित की 21 दिसंबर 2025 भोपाल मेट्रो का लोकार्पण…यही वो पल था… जिसने मेरी 16 साल की यात्रा को नई सांसें दे दी हैं।
मेरे लिए और भोपाल के लिए ये सिर्फ एक उद्घाटन नहीं होगा। ये वो दिन होगा, जब मैं पहली बार आम लोगों के साथ शहर के विकास की धड़कनों में उतरूंगी। एम्स, DRM ऑफिस, MP नगर, सबअर्बन… मेरी खिड़कियों से गुजरते हुए लोग शायद यही सोचेंगे, 'सपना सच हो गया।' ये पहला कॉरिडोर एम्स से सुभाष नगर 6.2 किमी लंबा…।
मैं करोंद तक जाऊंगी, रत्नागिरी से भदभदा तक फैलूंगी और भोपाल के नक्शे पर एक नई लाइन नहीं, एक नई पहचान बनूंगी। ब्लू लाइन भदभदा से रत्नागिरी तक। पूरा नेटवर्क 2027-28 तक आकार लेने की उम्मीद है।
मैं शहरवासियों को बताना चाहूंगी कि मैं सिर्फ पटरियों पर दौड़ने वाली ट्रेन मात्र नहीं हूं... मैं भोपाल की रफ्तार भी बनूंगी, उसकी धड़कन भी और उसका नया भविष्य भी गढ़ूंगी।
21 दिसंबर को जब मैं पहली बार सीटी बजाऊंगी, तो समझ लीजिए, एक मेट्रो नहीं, भोपाल का नया अध्याय शुरू हो रहा है…। सरकार खुद इसे सिर्फ ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट नहीं मान रही, यह ट्रैफिक कम करेगा, पॉल्यूशन कम करेगा और भोपाल को एक नई आधुनिक पहचान देगा। 7 दिन तक फ्री सफर की सौगात और फिर बजट फ्रेंडली किराया होगा मेरी खासियत, समय भी बचेगा।