MP News: अगर आप भी लगातार कर रहे हैं यही गलती तो अब हो जाएं सतर्क, नेचुरल ट्रीटमेंट भी पहुंचा सकता है बड़े नुकसान, डॉक्टर्स ने दी चेतावनी..
MP News: स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर लोग आयुर्वेद और होयोपैथी चिकित्सा पद्धतियों की तरफ अधिक बढ़ रहे हैं, लेकिन इसमें भी बगैर चिकित्सकीय सलाह के उपयोग कर रहे हैं। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। डॉक्टर्स के अनुसार सर्दी-खांसी या बुखार जैसे सामान्य लक्षणों के इलाज के लिए बगैर सलाह के आयुर्वेदिक व होयोपैथिक सिरप या दवा भी नुकसान देती है।
कौन सी सिरप व इसमें मिली जड़ी-बूटियां, हर्बल अर्क या घटक शरीर पर क्या असर डालेंगे यह प्रकृति पर निर्भर करता है। ये प्राकृतिक उपचार होते हुए भी यदि सही तरीके से न लिया जाए तो अन्य गंभीर समस्या को जन्म दे सकते हैं। यदि किसी को एलर्जी है और वह बिना डॉक्टर की सलाह के हर्बल सिरप का सेवन करता है तो इससे एलर्जी की समस्या और बढ़ सकती है। किसी अन्य दवा के साथ मिलकर इनका असर बदल सकता है।
जब कोई व्यक्ति पहले से अन्य दवाइयां ले रहा हो तो आयुर्वेदिक या होयोपैथिक सिरप इन दवाओं के प्रभाव को बदल सकते हैं। उदाहरण के लिए शुगर के मरीज जो इंसुलिन या अन्य दवाइयां ले रहे हों उन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी हर्बल या आयुर्वेदिक सिरप लेने से पहले सावधान रहना चाहिए। इन दवाओं का मिलाजुला असर हो सकता है, जो शुगर लेवल को असंतुलित कर सकता है।
आयुर्वेद और होयोपैथिक सिरप में कुछ जड़ी-बूटियां और तत्व लिवर और किडनी पर विपरीत असर डाल सकते हैं। कफ और पित्त को नियंत्रित करने वाले कुछ हर्बल तत्व लिवर के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं। यदि यह लंबे समय तक बिना डॉक्टर की सलाह के लिया जाए तो यह लिवर के खराब होने का कारण बन सकता है।
आयुर्वेदिक व होयोपैथी दवाओं को लेने से पहले चिकित्सकीय परामर्श जरूरी है। इसमें मरीज की प्रकृति को देखकर इलाज किया जाता है, ताकि कोई साइड इफेक्ट न हो। एक ही सिरप या दवा सभी पर काम करें यह जरूरी नहीं। इसलिए चिकित्सक का परामर्श जरूरी है।
-डॉ. एपीएस चौहान, प्राचार्य, अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय इंदौर
आयुर्वेद की दवा या सिरप लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। डॉक्टर आपकी शारीरिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त दवाइयों का चयन करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि वे अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया न करें। स्वस्थ रहना सिर्फ इलाज में नहीं, बल्कि सही तरीके से इलाज कराने में है। सोशल मीडिया पर भी कई भ्रामक बातें बताई जा रही हैं, जिससे सावधान रहने की आवश्यकता है।
-डॉ. अखलेश भार्गव, प्रोफेसर अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय इंदौर