बिहार में आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में सियासी गर्मी बढ़ी हुई है। बीते सोमवार को पप्पू यादव को अपमान का घूंट पीकर रहना पड़ा। उन्होंने अब मुस्लिम-यादव समीकरण पर बड़ा बयान दे दिया है।
Pappu Yadav Repeatedly Insults: पूर्णिया से निर्दलीय सांसद सियासी रसूख पाने के लिए दर-बदर हो रहे हैं। सोमवार को पटना में उन्हें राहुल गांधी के मंच पर एक बार फिर जगह नहीं मिली। इसके बाद वह मंच के नीचे एक कुर्सी पर सिर झुकाए नजर आए। दरअसल, ऐसा पहली बार नहीं है कि पप्पू यादव को सार्वजनिक तौर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। कई मौकों पर उन्हें उतनी तवज्जो नहीं मिली। जितना पप्पू यादव चाहते थे।
जब राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा सीमांचल से गुजर रही थी, तब पप्पू यादव पूरे जोश के साथ यात्रा को सफल बनाने में लगे हुए थे। राहुल की यात्रा ने जैसे ही कटिहार से उनके संसदीय क्षेत्र पूर्णिया में प्रवेश किया, पप्पू के समर्थकों ने जमकर राहुल गांधी का स्वागत किया। पप्पू यादव भी कई मौकों पर आगे दिखे। पूर्णिया में पप्पू की राहुल और तेजस्वी से मुलाकात भी हुई। पूर्णिया में पप्पू यादव को राहुल और तेजस्वी संग जीप में जगह भी मिली। पप्पू ने राहुल और तेजस्वी के कसीदे पढ़े। दोनों नेताओं को जननायक करार दिया। उन्हें लगा कि अब वनवास खत्म हो चुका है, लेकिन राहुल गांधी की यात्रा जैसे ही पटना पहुंची। सारा गेम ही पलट गया। पटना में एक बार फिर मंच पर चढ़ने के दौरान उन्हें धक्का देकर नीचे उतार दिया गया।
अब इस पर पप्पू यादव ने कहा कि मैं राहुल-प्रियंका का सच्चा सिपाही हूं। रही बात मंच पर बैठने की बात तो वहां महागठबंधन के चुनिंदा नेताओं के बैठने की व्यवस्था थी। मैं बचपन से सड़क पर चलता हूं और मेरी पहचान किसी कुर्सी से नहीं है। उन्होंने महागठबंधन द्वारा इग्नोर किए जाने पर कहा कि मैं एक बात बता दूं, मेरी दुर्गति का कारण यादव और मुसलमान हैं। यादवों को लगता है, लालू यादव उनके नेता हैं, पप्पू यादव बाद में पैदा हुआ है। मुसलमान हमको अपना घर और परिवार मानता है। मुसलमानों का हम पर बहुत भरोसा है। यही परेशानी की वजह है।
दरअसल, पप्पू यादव जिस एम-वाय समीकरण की बात कर रहे हैं। वह राजद का कोर वोट बैंक हैं। अगर पप्पू यादव का प्रभाव बिहार में बढ़ा तो इसका सीधा असर लालू यादव व राजद की राजनीति पर पड़ेगा। बीते लोकसभा चुनाव में जब पप्पू ने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी का जब कांग्रेस में विलय कराया तब उनकी मंशा थी कि कांग्रेस उन्हें पूर्णिया से लोकसभा प्रत्याशी बनाए, मगर कांग्रेस ने राजद के दवाब में उन्हें टिकट नहीं दिया। फिर पप्पू निर्दलीय चुनाव में उतरे और जीत हासिल की। इस चुनाव में राजद की उम्मीदवार बीमा भारती तीसरे पायदान पर खिसक गई। वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं।
वोटर वेरिफिकेशन के विरोध में 9 जुलाई को विपक्ष ने बिहार बंद बुलाया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी विरोध में शामिल होने के लिए दिल्ली से पटना पहुंचे। राहुल गांधी एक गाड़ी पर सवार होकर प्रदर्शन करते हुए चुनाव आयोग के ऑफिस के लिए निकले, उनके साथ तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी सहित अन्य नेता मौजूद थे। इसी दौरान पूर्णिया सांसद पप्पू यादव भी गाड़ी पर चढ़ने की कोशिश करने लगे, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें धक्का देकर गाड़ी से उतार दिया था।