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Pawan Singh Case : सिर्फ माफी या जेल? वकील से जानिए पवन सिंह की तरह हरकत करने की सजा क्या है

Pawan Singh and Anjali Raghav Case : भोजपुरी गायक व एक्टर पवन सिंह ने अंजलि राघव को आपत्तिजनक तरीके से छूने के मामले में माफी मांग ली है। मगर, क्या ऐसे मामलों में सिर्फ माफी मांगना काफी होता है?

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Sep 07, 2025
पवन सिंह व अंजलि राघव की फाइल फोटो | डिजाइन- पत्रिका

Pawan Singh Case : भोजपुरी एक्टर पवन सिंह ने हरियाणवी एक्ट्रेस अंजलि राघव (Pawan Singh and Anjali Raghav) को एक इवेंट में सरेआम आपत्तिजनक तरीके से छुआ। इसके बाद वीडियो सामने आया और सोशल मीडिया पर जमकर बवाल मचा। पवन सिंह को माफी मांगनी पड़ी इसके बाद भी मामला थम नहीं रहा। क्या ऐसी घटनाओं के लिए माफी काफी है या सजा भी मिलनी चाहिए? महिलाओं को सार्वजनिक स्थल पर बिना अनुमति छूने को लेकर भारत का कानून क्या कहता है। आइए, इस बात को एक्सपर्ट के जरिए समझते हैं।

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Pawan Singh and Anjali Raghav Controversy : पवन सिंह व अंजलि राघव विवाद

महिलाओं को सार्वजनिक स्थल पर बिना अनुमति छूने का मसला समझने से पहले पवन व अंजलि के विवाद को मोटे तौर पर समझते हैं। 29 अगस्त को लखनऊ के एक प्राइवेट इवेंट के दौरान पवन सिंह ने अंजलि के कमर के आसपास टच किया जिसका वीडियो सामने आने पर काफी हो-हल्ला मचा। मामला इतना बढ़ा कि आखिरकार पवन सिंह ने इस मामले को लेकर माफी मांगी।

Expert : चंडीगढ़ हाईकोर्ट की वकील ज्योति गोयल से बातचीत

यौन उत्पीड़न को लेकर महिला वकील ज्योति गोयल से बातचीत | फोटो- पत्रिका

ज्योति गोयल कहती हैं, महिला को बिना अनुमित के टच करना अपराध की श्रेणी में आता है। ये एक प्रकार का यौन हिंसा ही है। इस तरह के मामले अक्सर सामने आते हैं। महिलाओं के साथ कार्यस्थल व बाजार, गाड़ी-बस जैसे सार्वजनिक स्थल पर इस तरह के यौन क्राइम को झेलना पड़ता है। इस तरह के अपराध के लिए जेल भी हो सकता है।

ऑफिस या सार्वजनिक स्थल पर ऐसा होने पर क्या करें?

महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर ऐसी घटना होने पर वो पहले अपनी एचआर को बताएं। वहां पर POSCH के तहत इंटरनल कमिटी इसकी जांच करके फैसला लेती है। कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2013 के तहत भी मामला दर्ज होता है। वहीं, बाजार या बस-ट्रेन में ऐसी घटना होने पर स्थानीय पुलिस थाने जाकर मामला दर्ज करा सकते हैं।

ऐसे मामलों में जेल भेजना मुश्किल?

ज्योति कहती हैं कि ऐसे मामलों के साक्ष्य जुटाने मुश्किल होते हैं। साथ ही गवाह के लिए भी कम ही लोग तैयार होते हैं। इसलिए, अपराधी को जेल भिजवाना मुश्किल होता है। वहीं, इस तरह की घटना करने वाले आर्थिक व सामाजिक रूप से मजबूत होते हैं। ऐसे में महिला के लिए इस तरह के केस में लड़ना मुश्किल होता है। वहीं, आंकड़े ये भी बताते हैं कि करीब 80 फीसद यौन उत्पीड़न जैसे मामले दर्ज ही नहीं हो पाते हैं।

क्या है भारतीय दंड संहिता की धारा 509?

ज्योति बताती हैं कि इस तरह के मामलों को भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के तहत दर्ज किया जाता है। ऐसे मामलो में तीन साल तक की जेल या आर्थिक जुर्माना भरना पड़ सकता है। हालांकि, ये केस के फैसले पर निर्भर करता है।

धारा 509 को समझिए

यदि कोई व्यक्ति इरादतन किसी महिला की अपमान करने के लिए आपत्तिजनक शब्द, ध्वनि या इशारा करता है, या कोई ऐसी एक्टिविटी करता है जिससे महिला के पर्सनल लाइफ में दखल पड़े, तो उसे तीन साल तक की जेल या जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

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