रेलवे बोर्ड ने साफ कर दिया है कि साइको टेस्ट में फेल होने वाले कर्मचारियों को न तो भत्ता मिलेगा और न ही पेंशन में फायदा जुड़ेगा।
रेलवे के वे कर्मचारी खबरदार हो जाएं, जो रनिंग स्टाफ में ड्यूटी कर रहे हैं। रेलवे बोर्ड ने उनके लिए बड़ा आदेश जारी किया है। इसका सीधा असर हजारों रेल कर्मचारियों की जेब पर पड़ेगा। आदेश के मुताबिक, अगर कोई लोको पायलट या रनिंग स्टाफ सदस्य ड्यूटी के दौरान SPAD (सिग्नल पास्ड ऐट डेंजर) जैसी गंभीर गलती करता है और उसके बाद होने वाले मनोवैज्ञानिक टेस्ट (साइको टेस्ट) में फेल हो जाता है तो उसकी सैलरी में मिलने वाला 30% तक का रनिंग भत्ता तुरंत बंद कर दिया जाएगा।
रेलवे में रनिंग स्टाफ को खतरनाक और जिम्मेदार ड्यूटी की वजह से बेसिक पे पर 30% अतिरिक्त पे एलिमेंट दिया जाता है। यही नहीं रिटायरमेंट पर पेंशन की गणना में भी 55% रनिंग भत्ता शामिल होता है। लेकिन अब रेलवे बोर्ड ने साफ कर दिया है कि साइको टेस्ट में फेल होने वाले कर्मचारियों को न तो यह भत्ता मिलेगा और न ही पेंशन में इसका फायदा जोड़ा जाएगा।
आदेश के मुताबिक, जिस दिन कर्मचारी को साइको टेस्ट में फेल घोषित किया जाएगा, उसी दिन से उसे गैर-रनिंग स्टाफ मान लिया जाएगा। यानी वेतन निर्धारण में 30% रनिंग पे एलिमेंट जोड़ने का प्रावधान खत्म और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन पर भी सीधा असर।
यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि कई जोनल रेलवे इस मुद्दे पर बोर्ड से स्पष्टीकरण मांग रहे थे। कहीं माना जा रहा था कि स्टेशनरी पोस्ट पर भेजे जाने के बाद भी रनिंग भत्ता जुड़ना चाहिए, जबकि कुछ का मानना था कि यह सिर्फ रनिंग ड्यूटी तक सीमित है। अब बोर्ड ने एक ही आदेश से इस भ्रम को दूर कर दिया।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह कदम सुरक्षा मानकों को मजबूत बनाने के मकसद से उठाया गया है ताकि रनिंग स्टाफ पूरी सतर्कता और जिम्मेदारी से काम करें। हालांकि, यूनियन से जुड़े कुछ कर्मचारियों का मानना है कि यह फैसला कठोर है और उनकी आय व भविष्य की पेंशन पर बड़ा असर डालेगा।