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UPS लेकर फंस गए हैं तो आ गया निकलने का सशर्त रास्ता, जानें क्या है फॉर्मूला

मोदी सरकार ने UPS ले चुके कर्मचारियों को राहत देते हुए UPS से वापस NPS में जाने का विकल्प दे दिया है।

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भारत

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Ashish Deep

Aug 26, 2025

Pensioners of urban bodies in MP also get 55 percent inflation relief

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केंद्रीय कर्मचारियों के लिए शुरू की गई Unified Pension Scheme (UPS) बुरी तरह फ्लॉप साबित हो रही है। क्योंकि कर्मचारी इसे ऑप्ट करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। लाखों कर्मचारियों में से सिर्फ 31555 कर्मचारी इस योजना में अब तक शामिल हुए हैं। इसलिए सरकार ने कर्मचारियों की मांग पर इससे निकलने का रास्ता दे दिया है। हालांकि वह ऑप्शन वन टाइम है और उसके साथ भी
शर्त जुड़ी है।

जनवरी में मोदी सरकार लाई थी यह स्कीम

बता दें कि केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में UPS को नोटिफाई किया था, जिसमें नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को एक नया विकल्प मिला था। लेकिन UPS अपनाने वाले कई कर्मचारियों में असमंजस बना हुआ था कि कहीं यह स्कीम लंबे समय में घाटे का सौदा न बन जाए। अब मोदी सरकार ने ऐसे कर्मचारियों को राहत देते हुए UPS से वापस NPS में जाने का विकल्प दे दिया है।

एक बार वापसी का मौका NPS में

वित्त मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, UPS चुन चुके केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को अब NPS में लौटने की ‘वन टाइम-वन वे स्विच’ सुविधा दी जाएगी। यानी यह विकल्प केवल एक बार और एकतरफा होगा। एक बार अगर कर्मचारी NPS में वापस लौट गए, तो वे दोबारा UPS का चुनाव नहीं कर पाएंगे।

कब तक कर पाएंगे वापसी?

कर्मचारी अपनी वापसी का विकल्प रिटायरमेंट से 1 साल पहले तक इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर कोई कर्मचारी स्वेच्छा से रिटायरमेंट (VRS) लेता है, तो उसे रिटायरमेंट की मानी जाने वाली तारीख से 3 महीने पहले तक यह विकल्प चुनना होगा। इस्तीफा देने या Rule 56J (कर्मचारियों को समय से पहले रिटायर करने का प्रावधान) वाले मामलों में भी कुछ छोटे बदलावों के साथ यही नियम लागू होंगे। अगर तय समय सीमा में यह विकल्प इस्तेमाल नहीं किया गया, तो कर्मचारी डिफॉल्ट रूप से UPS में ही रहेंगे।

किन्हें नहीं मिलेगी सुविधा?

यह स्विचिंग सुविधा उन कर्मचारियों को नहीं मिलेगी जिन्हें सेवा से निकाला गया हो, अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही हो या विचाराधीन हो या फिर अनिवार्य रिटायरमेंट बतौर सजा दी गया हो।

वापसी पर क्या होगा फायदा-नुकसान?

अगर कोई कर्मचारी UPS छोड़कर NPS में जाता है तो उस पर PFRDA के Exit and Withdrawal Rules, 2015 लागू हो जाएंगे। यानी उसे अब UPS का अश्वस्त पेंशन लाभ और गारंटीड पेआउट नहीं मिलेगा। सरकार द्वारा दी जाने वाली अतिरिक्त 4% योगदान रकम (डिफॉल्ट निवेश पैटर्न पर) की गणना कर, कर्मचारी के NPS कॉर्पस में ट्रांसफर कर दी जाएगी। कर्मचारी का पूरा पेंशन बेनिफिट फिर से NPS के नियमों के तहत ही तय होगा।

सरकार ने क्यों दिया यह रास्ता?

ऑल इंडिया अकाउंट्स कमेट के महामंत्री हरिशंकर तिवारी बताते हैं कि UPS को लेकर कर्मचारियों में शुरू से ही मतभेद रहे हैं। कई कर्मचारी NPS के लचीलेपन और मार्केट आधारित रिटर्न के पक्ष में रहे हैं। UPS में गारंटी तो है लेकिन मार्केट ग्रोथ का लाभ सीमित हो जाता है। ऐसे में कर्मचारियों को सोच-विचार का मौका देने के लिए यह स्विचिंग सुविधा लाई गई है। सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे इस आदेश को अपने-अपने अधीन कर्मचारियों तक पहुंचाएं।