Silent Pandemic For Women : मॉडल और अभिनेत्री लॉरी हार्वे ने एक साइलेंट महामारी के बारे में बताया है। हार्वे ने अपने वजन में उतार-चढ़ाव, मुंहासे, चेहरे पर बाल और दर्दनाक अनुभव, अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याओं के बारे में बताया आइए जानते हैं कि ये क्यों खतरनाक है।
Silent Pandemic For Women : महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं। ये हेल्थ इश्यू हार्मोन कंडीशन से जुड़ा हुआ है जिससे एक-दो नहीं, बल्कि लाखों महिलाएं जूझ रही हैं। हाल ही में मॉडल और अभिनेत्री लॉरी हार्वे ने इसको लेकर बात किया है। एलेक्सिस किंग कहती हैं कि लंच ब्रेक में इंस्टाग्राम स्क्रॉल करते हुए वो हार्वे की एक वीडियो देखकर रुकीं। जो अपने लंबे इलाजी सफर के बारे में बात कर रही थीं। वो कहती हैं कि ये ऐसा हार्मोनल कंडीशन है जिससे हर 10 में से एक महिला लड़ रही है। साथ ही इनका इलाज भी अक्सर गलत होता है।
हार्वे ने अपने वजन में उतार-चढ़ाव, मुंहासे, चेहरे पर बाल और दर्दनाक अनुभव, अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याओं के बारे में बताया और यह भी कि डॉक्टरों ने शुरुआत में उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया। वो कहती हैं कि उन्हें यह जानने में सालों लग गए कि उन्हें PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) है।
PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) एक हार्मोनल विकार है जो महिलाओं के प्रजनन और मेटाबॉलिक सिस्टम दोनों को प्रभावित करने का काम करता है। इससे पीड़ित महिलाओं को अक्सर ये समस्याएं होती हैं:
6 मिलियन अमेरिकी महिलाएं इस स्थिति से प्रभावित हैं। यह न केवल प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ा देता है।
हालांकि PCOS इतनी आम बीमारी है, फिर भी इस पर रिसर्च और फंडिंग बेहद कम है। 2016 से 2022 के बीच, इस पर औसतन केवल 32 मिलियन डॉलर प्रति वर्ष खर्च किए गए। रूमेटॉइड आर्थराइटिस पर 262 मिलियन डॉलर और ट्यूबरक्युलोसिस (TB) पर 66 मिलियन डॉलर। विशेषज्ञ इस तरह की फंडिंग को लेकर कहते हैं कि महिलाओं के स्वास्थ्य पर रिसर्च वैसे ही कम होती है, और PCOS को अक्सर “अनाथ बीमारी (orphan disorder)” की तरह ट्रीट किया जाता है।
एलेक्सिस किंग कहती हैं, “अक्सर डॉक्टर असली कारण पर ध्यान देने के बजाय बस कहते हैं- वजन कम करो, व्यायाम करो, या ब्यूटी ट्रीटमेंट करवाओ।” इसलिए कई महिलाएं बिना सही इलाज के सालों तक संघर्ष करती रहती हैं।
PCOS का डायग्नोसिस करने के लिए तीन में से दो लक्षण होना जरूरी माना जाता है-
मोरीन सेबर्ट जो एक नर्स प्रैक्टिशनर हैं, बताती हैं कि उनके आधे से अधिक मरीजों को सही हार्मोन टेस्ट या अल्ट्रासाउंड तक नहीं कराया गया। इसका मतलब है कि सही इलाज भी नहीं किया जाता है।
डॉ. हीदर हडलस्टन, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को की विशेषज्ञ, कहती हैं, “PCOS किसी एक स्पेशलिटी में फिट नहीं बैठता, न केवल गायनाकोलॉजी, बल्कि एंडोक्रिनोलॉजी, मेटाबॉलिज्म और कार्डियोलॉजी से भी जुड़ा है। लेकिन अधिकतर डॉक्टर केवल फर्टिलिटी पर ध्यान देते हैं, PCOS पर नहीं।”
क्री और उनकी टीम CDC के साथ मिलकर महिलाओं के लिए टेस्टोस्टेरोन टेस्टिंग का एकसमान मानक बनाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए $3 लाख डॉलर की आवश्यकता है और फिलहाल फंडिंग की कोई निश्चित व्यवस्था नहीं दिख रही। इसलिए, इसको लेकर देरी होना स्वभाविक है।
PCOS केवल पीरियड्स या गर्भधारण की समस्या तक सिमटा नहीं है। इससे ग्रस्त महिलाएं कई तरह की अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में भी आ सकती हैं-
लंबे समय तक पीरियड्स न आने से गर्भाशय (Endometrial) कैंसर का खतरा भी बढ़ता है। 2022 की सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, ब्लैक महिलाओं में इस बीमारी से मौत की दर दोगुनी है।
PCOS Challenge Association की संस्थापक कहती हैं, “जब तक इस बीमारी को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता नहीं माना जाएगा, तब तक यह ‘साइलेंट महामारी’ यूं ही बढ़ती रहेगी।”
(वॉशिंग्टन पोस्ट का यह आलेख पत्रिका.कॉम पर दोनों समूहों के बीच विशेष अनुबंध के तहत पोस्ट किया गया है।)