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‘डिप्रेशन’ में चला गया था यश, बाहर निकालकर लाई ‘पेटिंग’, पढ़ें पूरी स्टोरी

यश ने बताया कि जब उन्होंने कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने का निश्चय किया, तब उन्होंने बच्चों को पेंटिंग सिखाना भी शुरू किया।

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Dec 26, 2025
Yash Singh (Photo Source - yash singh instagram)

ऋतु सक्सेना, भोपाल।

एक बच्चा जिसके माता-पिता का बचपन में तलाक हो गया। पिता के जाने के बाद स्थिति ठीक नहीं थी, तो उस बच्चे ने बहुत संघर्ष किया। मां के साथ रहते हुए कई खराब दिन देखे। मामा के साथ काम किया, लेकिन उन्होंने अलग कर दिया, घर चलाने के लिए डिलिवरी ब्वॉय का भी काम किया।

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सब कुछ सहने के बाद यश परिवारिक समस्याओं के चलते डिप्रेशन में चले गए। इस समय वे बेहद बुरे दौर से गुजरे। जब कुछ भी अपना नहीं लग रहा था तब उनका जुड़ाव पेटिंग से हुआ। यश को समय के साथ पेटिंग में इंटरेस्ट आने लगा। पेंटिंग के जरिए वे डिप्रेशन से भी उबरे और उसके बाद अपनी उस कला को ही अपना प्रोफेशन बनाया। आर्टिस्ट यश सिंह के चित्रों में प्रकृति या इंसान के इमोशन दिखते हैं। उनकी आर्ट में एक अलग ही तरह का विजन देखने को मिलता है। अपनी कला से वह प्रकृति और मानवता का संदेश भी दे रहे हैं।

पैसे नहीं थे, इसलिए नहीं ले पाए प्रोफेशनल डिग्री

यश ने बताया कि जब मैं 12-13 साल का था, तभी माता-पिता अलग हो गए थे। पिता पेंटिंग करते थे, तो बचपन में उनसे आर्ट सीखी थी। स्कूल के समय भी कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया था, लेकिन कला को अपना प्रोफेशन बनाऊंगा ऐसा विचार नहीं किया था। यश ने बताया कि जब डिप्रेशन में गया, तो इसी कला ने मुझे उबारा, तब मैंने इसे ही आगे बढ़ाने का निश्चय किया। पैसे नहीं थे, तो आर्ट की कोई प्रोफेशनल डिग्री नहीं ली है।

कोरोना में बंद हुआ काम नहीं मानी हार

यश ने बताया कि जब उन्होंने कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने का निश्चय किया, तब उन्होंने बच्चों को पेंटिंग सिखाना भी शुरू किया। किसी ने उन्हें नहीं सिखाया। वह खुद यूट्यूब आदि से सीखते और बच्चों को सिखाते, इस तरह आगे बढ़े। तभी आर्टिस्ट नीता दीप वाजपेयी से मुलाकात हुई और उनके साथ अपनी पहली एग्जिबिशन भी लगाई।

यश बताते है कि कोरोना के पहले दो स्टूडियो चलाते थे, वह कोरोना में बंद हो गए, स्थिति खराब थी लेकिन हार नहीं मानी। उसी समय कुछ कॉम्पिटीशन हुए राष्ट्रीय स्तर के, उनमें मैं सिलेक्ट हुआ, तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

2000 स्टूडेंट्स को सिखा चुके

वह कहते हैं कि हर कलाकार की कला में प्रकृति के विविध रूप देखने को मिलते हैं। मैं स्केच बनाता हूं और इसमें इमोशन दिखाता हूं। उस स्केच के पीछे के भाव उसमें दिखें, यह कोशिश होती है।

कभी मानवता की सेवा करते लोग दिखते हैं, तो कभी प्रकृति के विविध रूप। वह अपनी कला के जरिए कोई न कोई संदेश देने की कोशिश करते हैं। यश अब तक 2000 से ज्यादा बच्चों को कला की बारीकियां भी सिखा चुके हैं।

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Updated on:
26 Dec 2025 03:29 pm
Published on:
26 Dec 2025 03:27 pm
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