कृषि क्षेत्र में अग्रणी इस जिले में कभी पोस्त और अफीम का नशा था, जो सीमित था। अब हेरोइन, स्मैक, मेफेड्रोन, चिट्टा और मेडिकेटेड नशा गंभीर समस्या बन चुका है।
श्रीगंगानगर। जिले में नशे की ओवरडोज से युवाओं की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा। आए दिन हो रही मौतें उस अभियान की सार्थकता पर सवाल खड़े कर रही हैं, जो नशे के जाल में उलझे श्रीगंगानगर जिले को नशा मुक्त करने के लिए चलाया जा रहा है।
नशे की ओवरडोज से युवक की मौत का ताजा मामला बुधवार को सूरतगढ़ तहसील के गांव सिद्धूवाला के पास 196 हैड पर जल संसाधन विभाग की झज्जर कॉलोनी में सामने आया है, जहां दिनेश कुमार की मौत नशे की ओवरडोज से हुई है। पुलिस इस मामले में मर्ग दर्ज कर कागजी कार्रवाई पूरी कर लेगी। वह यह पता लगाने का प्रयास शायद ही करे कि जिस नशे की वजह से युवक की मौत हुई है, वह नशा उस तक पहुंचा कैसे।
नशे से युवाओं की मौत के आंकड़े भयावह हैं। हर चार दिन में एक जवानी नशे की ओवरडोज से काल का ग्रास बन रही है। मौत का शिकार होने वाले ज्यादातर 17 से 30 साल उम्र के युवा हैं और इनकी मौत की वजह इंजेक्शन के जरिए शरीर में पहुंची नशे की ओवरडोज रही है।
कृषि क्षेत्र में अग्रणी इस जिले में कभी पोस्त और अफीम का नशा था, जो सीमित था। अब हेरोइन, स्मैक, मेफेड्रोन, चिट्टा और मेडिकेटेड नशा गंभीर समस्या बन चुका है। यह नशा अब शहरों और कस्बों की सीमा लांघ कर गांवों तक पहुंच चुका है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
पश्चिम में पाकिस्तान और उत्तर में पंजाब से सटे इस जिले में इन दोनों दिशाओं से हेरोइन, स्मैक और चिट्टे की खेप आ रही है। वहीं राजस्थान के फलौदी और जोधपुर के अलावा मध्यप्रदेश से मेडिकेटेड नशे की आपूर्ति हो रही है। पुलिस आए दिन नशे के रूप में प्रयुक्त होने वाली टेबलेट और कैप्सूल जब्त कर सप्लायर को पकड़ रही है, फिर भी आपूर्ति में कोई कमी नहीं आ रही।
दरअसल, सिद्धुवाला क्षेत्र के 196 हैड के पास सुनसान पड़ी सिंचाई विभाग की कॉलोनी में बुधवार को एक युवक मृत अवस्था में मिला। सूचना मिलने पर सदर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को उप जिला चिकित्सालय सूरतगढ़ की मोर्चरी में रखवाया। युवक नशे का आदी था और उसकी मौत नशे की ओवरडोज के कारण हुई।
सदर पुलिस के एएसआई राजकुमार कटारिया ने बताया कि बुधवार सुबह पांच बजे ग्रामीणों ने 196 हैड पर सिंचाई विभाग की कॉलोनी में एक व्यक्ति के मृत पड़े होने की सूचना दी। पुलिस ने बताया कि 196 हैड निवासी दिनेश कुमार पुत्र मोहनलाल नायक मंगलवार रात्रि को नशा करने के लिए सिंचाई विभाग की कॉलोनी में आया था। लेकिन नशे की ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई।
शव के आसपास नशीली वस्तुएं भी बरामद हुईं। मृतक का शव उप जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया गया। जहां शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया। इस संबंध में सदर पुलिस ने मृतक के भाई सतपाल नायक की रिपोर्ट पर मर्ग दर्ज की है।
श्रीगंगानगर जिला इस समय नशे के मामले में प्रदेश में सबसे ऊपर है। युवा पीढ़ी मेडिकेटेड नशे की गिरफ्त में आ रही है। मेडिकल स्टोर के अलावा नशे के सौदागर भी मेडिकेटेड नशे की आपूर्ति कर रहे हैं। श्रीगंगानगर शहर में मेफेड्रोन बनाने की फैक्ट्री का पकड़े जाने का मतलब है कि ड्रग माफिया इस जिले को अपने धंधे के लिए फायदेमंद मान रहा है। -घनश्याम सोनी, जोनल डायरेक्टर, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो जोधपुर